Paush Purnima January 2024 : हर साल जनवरी माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Paush Purnima 2024 Date हर साल जनवरी माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा मनाई जाती है। हिंदू धर्म में पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। इस दिन पौष पूर्णिमा मनाई जाती है। पौष पूर्णिमा के दिन सूर्यदेव की पूजा-आराधना और स्नान-दान के कार्य बेहद शुभ माने जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। इस दिन सूर्य और चंद्रदेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजाविधि …

कब है पौष पूर्णिमा ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 24 जनवरी 2024 को रात्रि 9 बजकर 24 मिनट से पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी और अगले दिन यानी 25 जनवरी 2024 को रात्रि 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी।

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पौष पूर्णिमा पर बन रहें हैं अद्भुत संयोग :  इस साल पौष पूर्णिमा के दिन पुनर्वसु नक्षत्र , सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस शुभ योग में स्नान-दान समेत सभी धार्मिक कार्यों का कई गुना ज्यादा फल मिलता है।

पौष पूर्णिमा का महत्व : हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा के उदयातिथि में स्नान-दान का बड़ा महत्व है। इस दिन सूर्यदेव के साथ चंद्रदेव की भी पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और धर्म-कर्म के कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है।

पौष पूर्णिमा के दिन पूजा विधि

पौष पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर मंदिर जाएं। मंदिर में देवी शाकम्भरी की पूजा करें। देवी शाकम्भरी को फल, फूल, मिठाई, और प्रसाद अर्पित करें। देवी शाकम्भरी की आरती करें।

घर पर भी देवी शाकम्भरी की पूजा कर सकते हैं। इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर देवी शाकम्भरी की तस्वीर या मूर्ति रखें। देवी शाकम्भरी को फल, फूल, मिठाई, और प्रसाद अर्पित करें। देवी शाकम्भरी की आरती करें।

पूजा के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। सूर्यदेव को जल, फूल, और अक्षत अर्पित करें।

इसके बाद अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करें।

इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

पौष पूर्णिमा के दिन व्रत

पौष पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से विशेष फल मिलता है। इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। फिर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर मंदिर जाएं। मंदिर में देवी शाकम्भरी की पूजा करें। देवी शाकम्भरी से व्रत रखने की अनुमति लें।

व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें। मांस, मदिरा, और नशीले पदार्थों से दूर रहें।

व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। फिर मंदिर जाएं और देवी शाकम्भरी की पूजा करें।

शाम को सूर्यास्त के बाद व्रत का पारण करें।

DIS.इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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