श्रीहंसष्टकस्तोत्रम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के रूप और गुणों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण को एक हंस के रूप में वर्णित करता है, जो ज्ञान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। श्रीहंसष्टकस्तोत्रम् की रचना श्रीमदभागवत…
स्फुरत्कृष्णप्रेममृतस्तोत्रम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के प्रेम की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के प्रेम को एक अमृत के रूप में वर्णित करता है जो भक्तों के जीवन को आनंद और पूर्णता से…
आनंदस्तोत्रम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के रूप और गुणों का वर्णन करता है। आनंदस्तोत्रम् की रचना श्रीरूप गोस्वामी द्वारा की गई थी। आनंदस्तोत्रम् में 12 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक…
गुरुमारुतपुरधीशस्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु को गुरुवायुर के मंदिर के स्वामी के रूप में दर्शाता है। स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है: नमस्ते गुरुवायुरनाथाय, सर्वलोकनाथाय। सर्वव्यापी…
गुरुवायुपुरेश्वरभुजंगास्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के भुजंगों की विशेष रूप से स्तुति करता है। स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है: नमस्ते गुरुवायुपुरेश्वराय, सर्वव्यापी रूपधारिणे। भुजङ्गेच्छामयं वपुः,…
गुरुवायुरप्पा, नारायणीया और रोगहरसहस्रनामस्तोत्रम तीन अलग-अलग भक्तिपूर्ण ग्रंथ हैं जो भगवान विष्णु की स्तुति करते हैं। गुरुवायुरप्पा एक छोटा सा भक्तिपूर्ण गीत है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह गीत भगवान विष्णु को गुरुवायुर के…
चतुर्शिष्टिवैष्णवानवलिस्तोत्रम् एक धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के चार रूपों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र अष्टम शताब्दी के वैष्णव संत श्री शंकराचार्य द्वारा रचित है। स्तोत्र में, श्री शंकराचार्य भगवान विष्णु के चार रूपों की महिमा का वर्णन…
नवरात्र स्तोत्रम, जिसे हिंदी में “नौ देवियों की स्तुति” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 40 श्लोकों में देवी के विभिन्न नामों…
नामरत्नामालविलोष्टोत्रम्, जिसे हिंदी में “नाम रत्नमाला विलोष्टोत्र” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में शिव के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करता है। नामरत्नामालविलोष्टोत्रम् की…
नित्यानंदशोत्तरशतनामास्तोत्रम्, जिसे हिंदी में “नित्यानंद के 128 नामों का स्तवन” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो चैतन्य महाप्रभु के प्रथम शिष्य, नित्यानंद प्रभु की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 128 श्लोकों में नित्यानंद प्रभु के विभिन्न…
श्रीमृर्तंड़भैरवस्तोत्रम् एक स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, मृर्तंड़भैरव की स्तुति करता है। मृर्तंड़भैरव भगवान शिव के एक उग्र रूप हैं, जो मृत्यु और विनाश के देवता हैं। स्तोत्र का प्रारंभ भगवान मृर्तंड़भैरव की स्तुति से होता है।…
श्रीरुद्रदशनामस्तोत्रम् एक स्तोत्र है जो भगवान शिव के दश नामों की स्तुति करता है। ये नाम हैं: रुद्र शम्भू शिव भव कपाली महाकाल महेश्वर त्रिलोचन नीलकंठ श्मशानवासी स्तोत्र का प्रारंभ भगवान शिव के दश नामों की स्तुति से होता है।…