Gita Jayanti 2024:गीता जयंती जीवन को सरल बनाती हैं गीता में लिखी ये पांच बातें, आप भी करें इनका पालन

Gita Jayanti 2024: पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है। इस साल 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का ज्ञान प्रदान किया था।…

Pramukh Swami Maharaj Jayanti:प्रमुख स्वामी महाराज जयन्ती

Pramukh Swami Maharaj Jayanti:बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के प्रमुख स्वामी महाराज का जन्म 7 दिसंबर 1922 को हुआ था, लेकिन तिथि के अनुसार यानी मगशर सूद अथम को उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। प्रमुख स्वामी महाराज हिंदू धर्म के…

Mitra Saptami:मित्र सप्तमी शुभ तिथि और महत्त्व

Mitra Saptami:मित्र सप्तमी के दिन भगवान श्रीहरि के अवतार सूर्य देव की उपसना की जाती है। मित्र, सूर्य देव के कई नामों में से एक है। तथा भानु सप्तमी एवं रथ सप्तमी की ही तहत अन्य हिंदू माह के शुक्ल पक्ष…

Margashirsha Ashtami Vrat:मार्गशीर्ष अष्टमी व्रत महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Margashirsha Ashtami Vrat:हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के भक्त उनकी पूजा करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। हिंदू धर्म में…

Champa Shashthi:चम्पा षष्ठी: 2024: तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Champa Shashthi:चंपा षष्ठी व्रत भगवान शिव एवं माता पार्वती के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। यह पर्व मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। चंपा षष्ठी को स्कंद षष्ठी के नाम से जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय जी को…

Bihar Panchami:बिहार पंचमी,”माता लक्ष्मी के आगमन का शुभ पर्व”

Bihar Panchami:बिहार पंचमी 2024 का पावन पर्व इस वर्ष शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 को मनाया जाएगा। Bihar Panchami:विक्रम संवत 1562 में मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्वामी हरिदास की सघन-उपासना के फलस्वरूप वृंदावन के निधिवन में श्री बांके…

Vivah Panchami:विवाह पंचमी,”प्रभु श्रीराम और माता सीता के पवित्र मिलन का पर्व”

Vivah Panchami:विवाह पंचमी भगवान श्री राम और माता सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाए जाने वाले एक लोकप्रिय हिंदू त्यौहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी मार्गशीर्ष के महीने के दौरान शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है।…

Annapurna Vrat:अन्नपूर्णा व्रत,”समृद्धि और संतोष का मार्ग”

Annapurna Vrat:मां अन्नपूर्णा माता का महाव्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष पंचमी से प्रारम्भ होता है और मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी को समाप्त होता है। यह उत्तमोत्तम व्रत सत्रह दिनों तक चलने वाला व्रत है। व्रत के प्रारंभ के साथ भक्त 17 गांठों वाले धागे…

Vilakku Pooja:विलक्कु पूजा,”विलक्कु पूजा: दीप साधना से समृद्धि और सुख-शांति का मार्ग”

Vilakku Pooja:विलक्कु पूजा, भाग्य और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का प्रतीक है। एक समय में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से महालक्ष्मी की पूजा दीप जलाकर किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है…

Margashirsha Vinayak Chaturthi:मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी

Vinayak Chaturthi:गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। हर महीने पड़ने…