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Yogini Ekadashi

Yogini Ekadashi Vrat Niyam:योगिनी एकादशी पर भक्त उपवास रखकर विष्णु भगवान की आराधना करेंगे। योगिनी एकादशी पर कुछ कामों को करना अशुभ माना जाता है, जो प्रभु की नाराजगी का कारण भी बन सकता है।

Yogini Ekadashi:हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं. यह दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विशेष माना गया है. आप योगिनी एकादशी पर एक आसान उपाय अपनाकर जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति पा सकते हैं.

Yogini Ekadashi
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Yogini Ekadashi 2025 mein Kab Hai:हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं. यह दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विशेष माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत रखने से कई बीमारियों से राहत मिलती है और जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है. धर्म शास्त्रों में योगिनी एकादशी को रोगों को दूर करने वाली सबसे शुभ तिथि बताया गया है. आप योगिनी एकादशी पर एक आसान उपाय अपनाकर जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति पा सकते हैं.

Yogini Ekadashi 2025 Kab Hai:योगिनी एकादशी 2025 कब है?

साल 2025 में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून, दिन शनिवार को रखा जाएगा. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून की सुबह 7:18 बजे से शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 22 जून की सुबह 4:27 बजे होगा. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर 21 जून को ही योगिनी एकादशी का व्रत रखना सर्वश्रेष्ठ रहेगा.

योगिनी एकादशी पर सभी पापों से मुक्ति पाने का उपाय:Remedy to get freedom from all sins on Yogini Ekadashi

योगिनी एकादशी के शुभ अवसर पर भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी माता की पूजा का भी अत्यंत महत्व माना गया है. योगिनी एकादशी के दिन की सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. फिर भगवान विष्णु और तुलसी माता की विधिवत पूजा करें. इसके बाद तुलसी को जल अर्पित करें और तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं.

आप चाहें तो अगरबत्ती भी जला सकते हैं. अब “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें. इसके अलावा, तुलसी माता की सात बार परिक्रमा करें. अगर आप योगिनी एकादशी पर यह उपाय आजमाते हैं, तो भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आपके जाने-अनजाने में किए गए पापों से आपको मुक्ति प्रदान करेंगे.

इस दिन विष्णु भगवान को अर्पित करने वाले भोग में तुलसी के पत्ते जरूर रखें. धार्मिक मान्यता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं. अगर आप चाहें तो योगिनी एकादशी पर तुलसी की माला का से तुलसी माता के मंत्र जाप कर सकते हैं. वहीं, अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो एकादशी के दिन पौधा लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है.

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What not to do on Yogini Ekadashi:योगिनी एकादशी पर क्या न करें?

  1. काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसलिए योगिनी एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।
  2. तुलसी की पत्तियां- तुलसी की पत्तियां भगवान श्री हरि विष्णु को बेहद प्रिय हैं, जिनके बिना भगवान को भोग नहीं लगाया जाता है। इसलिए योगिनी एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी की पत्तियों को न तो स्पर्श करना चाहिए और न ही इन्हें तोड़ना चाहिए। तुलसी की पत्तियां तोड़ने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
  3. चावल- योगिनी एकादशी पर चावल का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है इस दिन चावल का सेवन करने से दोष लगता है।
  4. अपमान- कोशिश करें की इस दिन आप किसी का दिल न दुखाएं और वाद-विवाद से भी बचें। किसी का भी अपमान करने से बचें और न ही किसी का मजाक उड़ाएं। 
  5. मास-मदिरा- योगिनी एकादशी के दिन भूलकर भी मास-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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