Shiv mantra:सावन महीने में रोजाना करें इन मंत्रों का जाप, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति ?

सावन महीने में मंत्र जाप: कष्टों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना और मंत्र जाप के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में किए गए मंत्र जाप का फल…

जीवन में परेशानियों से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप: MANTRA FOR HAPPY LIFE

जीवन में परेशानियों से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप : विस्तृत जानकारी जीवन में परेशानियां तो आती ही रहती हैं। इन परेशानियों से निपटने और मन को शांत रखने में मंत्रों का जाप सहायक हो सकता है। कुछ मंत्र…

शुक्रवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, नहीं होगी धन की कमी

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। इन्हीं की कृपा से व्यक्ति को जीवन में धन-धान्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिन लोगों के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं…

एक ऐसा कवच-जिसके पढने से मिलता है एक हज़ार गाय दान करने का फल

आज मैं आपको एक ऐसे कवच के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसका महत्ता का वर्णन स्वयं भगवान् श्री नारायण ने किया है। इसका नाम है श्री गायत्री कवच। श्री गायत्री कवच एक महान कवच है जो स्वयं नारद…

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि (Mahishasura Mardini Stotram – Aigiri Nandini)

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरतेदनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब…

दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र (Durga Saptashati Siddha Samput Mantra)

सामूहिक कल्याण के लिये मंत्र –देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्यानिश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्‍‌र्या ।तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यांभक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥ विश्‍व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिये मंत्र –यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तोब्रह्मा हरश्‍च न हि वक्तुमलं बलं च ।सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनायनाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु…

संकट मोचन हनुमानाष्टक (Sankatmochan Hanuman Ashtak)

श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं। संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है। ॥ हनुमानाष्टक ॥बाल…

दत्तात्रेय स्तोत्रम् (Dattatreya Strotam)

॥ श्री दत्तात्रेय स्तोत्रम् ॥जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम् ।सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥ विनियोग –अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः ।अनुष्टुप् छन्दः । श्रीदत्तपरमात्मा देवता ।श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥ स्तोत्रम् –जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे ।भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥ १॥ जराजन्मविनाशाय देहशुद्धिकराय च ।दिगम्बरदयामूर्ते…

अन्नपूर्णा स्तोत्रम् (Annapoorna Stotram)

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरीनिर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरीमुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥२॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरीचन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥३॥ कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करीकौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी ।मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥४॥ दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरीलीलानाटकसूत्रभेदनकरी…

पाशुपतास्त्र स्तोत्र

ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय श्मशान वेतालप्रियाय सर्वविघ्ननिकृन्तन रताय सर्वसिद्धिप्रदाय भक्तानुकम्पिने असंख्यवक्त्रभुजपादाय तस्मिन् सिद्धाय वेतालवित्रासिने शाकिनीक्षोभ जनकाय व्याधिनिग्रहकारिणे पापभन्जनाय सूर्यसोमाग्नित्राय विष्णु कवचाय खडगवज्रहस्ताय यमदण्डवरुणपाशाय रूद्रशूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्वरोगविद्रावणाय ग्रहनिग्रहकारिणे दुष्टनागक्षय कारिणे। ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट। हूंकारास्त्राय फट। वज्र…

गजेन्द्र मोक्ष

श्रीमद्भागवतान्तर्गतगजेन्द्र कृत भगवान का स्तवन ******************************** श्री शुक उवाच – श्री शुकदेव जी ने कहाएवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि ।जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ बुद्धि के द्वारा पिछले अध्याय में वर्णित रीति से निश्चय करके तथा मन को हृदय…

श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम्

नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् । देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥ ॐ अथ सकलसौभाग्यदायक श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् । शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥ १॥ यस्य द्विरदवक्त्राद्याः पारिषद्याः परः शतम् । विघ्नं निघ्नन्ति सततं विष्वक्सेनं तमाश्रये ॥ २॥…

अपने जीवन को साकार करें उपनिषद पढ़कर 60 से भी अधिक उपनिषद PDF