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Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me

Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me:धार्मिक मत है कि देवी मां बगलामुखी की पूजा (Baglamukhi Jayanti 2025 Puja Vidhi) करने से शत्रुओं का भय समाप्त होता है। साथ ही साधक को अभयता का वरदान मिलता है। देवी मां बगलामुखी की महिमा अपरंपार है। उनके शरण में रहने वाले साधक जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me इस शुभ अवसर पर शक्तिपीठ मंदिरों में मां की विशेष पूजा की जाती है।

बगलामुखी जयंती, बगलामुखी माता के अवतार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। जिन्हें माता पीताम्बरा या ब्रह्मास्त्र विद्या भी कहा जाता है। उसके पास पीले रंग के कपड़े के साथ माथे पर सुनहरे रंग का चंद्रमा है। माँ की पूजा दुश्मन को हराने, प्रतियोगिताओं और अदालत के मामलों को जीतने के लिए जानी जाती हैं।

माँ बगलामुखी मंत्र स्वाधिष्ठान चक्र की कुंडलिनी जागृति के लिए उपयोग करते हैं। Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me भक्त इस दिन अन्न का दान करते हैं, तथा माँ मंगलग्रह से संबंधित समस्याओं की समाधान देवी हैं।

माँ बगलामुखी के बारे में जानें:Know about Maa Baglamukhi

बगला एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ दुल्हन है, अर्थात दुल्हन की तरह आलौकिक सौन्दर्य और अपार शक्ति की स्वामिनी होने के कारण देवी का नाम बगलामुखी पड़ा। देवी को बगलामुखी, पीताम्बरा, बगला, वल्गामुखी, वगलामुखी, ब्रह्मास्त्र विद्या आदि नामों से भी जाना जाता है। Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me माँ बागलमुखी मंत्र कुंडलिनी के स्वाधिष्ठान चक्र को जागृति में सहयता करतीं हैं।

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देवी बगलामुखी का सिंहासन रत्नो से जड़ा हुआ है और उसी पर सवार होकर देवी शत्रुओं का नाश करती हैं। देवी बगलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महाविद्या हैं यह स्तम्भन की देवी हैं। Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me संपूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का समावेश हैं माता शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है। कहा जाता है कि देवी के सच्चे भक्त को तीनों लोक मे अजेय है, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है।

पीले फूल और नारियल चढाने से देवी प्रसन्न होतीं हैं। Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें, देवी की मूर्ति पर पीला वस्त्र चढाने से बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट होती हैं। माँ बगलामुखी पौराणिक कथा को विस्तार से जानें!

बगलामुखी जयंती शुभ मुहूर्त (Bagalamukhi Jayanti Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 04 मई को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 05 मई को सुबह 07 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी।

When will Baglamukhi Jayanti be celebrated:कब मनाई जाएगी बगलामुखी जयंती?

पंचांग गणना और ज्योतिष निर्णय के अनुसार, 05 मई को बगलामुखी जयंती मनाई जाएगी। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग पूर्ण रात्रि तक है। इसके साथ ही रवि योग और सर्वार्थ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में देवी मां बगलामुखी की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होगी।

पूजा विधि Puja vidhi

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर सूर्योदय के समय उठें। इस समय देवी मां बगलामुखी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कामों से निपटने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।

इसके बाद आचमन कर नवीन(नया) लाल रंग के कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद पंचोपचार कर विधिवत देवी मां बगलामुखी की पूजा करें। साधक पूजा हेतु मंदिर भी जा सकते हैं। Bagalamukhi Jayanti Kab Hai 2025 Me आसान शब्दों में कहें तो मंदिर जाकर देवी मां बगलामुखी की पूजा कर सकते हैं। पूजा के समय देवी मां बगलामुखी को फूल, फल, वस्त्र आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें। अंत में आरती कर सुखों में वृद्धि की कामना करें।

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