Amalaki Ekadashi 2025:आमलकी एकादशी हर साल फाल्गुन महीने में मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए बहुत शुभ माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह एकादशी 10 मार्च (Amalaki Ekadashi Kab hai 2025) को मनाई जाएगी। कहते हैं कि जो लोग इस उपवास को रखते हैं उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Amalaki Ekadashi Kab hai 2025:हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को सबसे शुभ व्रतों में से एक माना जाता है। एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और सभी भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन श्रद्धापूर्वक उपवास करते हैं। एक साल में कुल 24 और महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी आती है। सभी एकादशी का अपना महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 10 मार्च 2025 को फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाएगा।

जब यह व्रत (Amalaki Ekadashi 2025) इतना विशेष है, तो इसमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? इसका भी ध्यान देना बहुत जरूरी है, तो आइए जानते हैं। ताकि आप व्रत का पूरा फल प्राप्त कर सकें।

आमलकी एकादशी पर क्या खाएं और क्या नहीं? (Amalaki Ekadashi 2025 Par Kya Khaye Or Kya Nahi?)

क्या खा सकते हैं? (Vrat Me Kya Khana Chahiye)

आमलकी एकादशी व्रत को जो लोग रखने वाले हैं, वे दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही इस दिन आंवले का सेवन और आंवले के पेड़ के नीचे भोजन भी जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह इस दिन पूजा का अहम भाग माना गया है। हालांकि व्रती को तामसिक व नमक आदि के उपयोग से बचना चाहिए।

कहते हैं कि इस दिन जो लोग सभी नियमों का पालन करते हुए व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की कृपा सदैव के लिए प्राप्त होती है।

न खाएं ये चीजें (Vrat Me Kya Nahi Khana Chahiye?)

Vrat Me Kya Khana Chahiye:जो लोग आमलकी एकादशी का उपवास रखते हैं, उन्हें तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन, मसाले, तेल आदि से भी दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन (Significance Of Amalaki Ekadashi 2025) चावल और नमक खाने को भी पूरी तरह मना किया गया है। ऐसे में अगर आप इस व्रत को रखने वाले हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान दें। वरना व्रत टूट सकता है।

प्रसाद अर्पित करने का मंत्र (Bhog Mantra)

Amalaki Ekadashi 2025:प्रसाद अर्पित करते समय इस मंत्र ”त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।” का करें जाप। कहा जाता है कि इससे प्रसाद तुरंत स्वीकार हो जाता है। इसके साथ ही अन्न और धन में बरकत आती है।

एकादशी के प्रकार

एकादशी दो प्रकार की होती है। 1 सम्पूर्णा 2. विद्धा
1) सम्पूर्णा – जिस तिथि में केवल एकादशी तिथि होती है अन्य किसी तिथि का उसमे मिश्रण नहीं होता उसे सम्पूर्णा एकादशी कहते है।

2) विद्धा एकादशी पुनः दो प्रकार की होती है
2. A) पूर्वविद्धा – दशमी मिश्रित एकादशी को पूर्वविद्धा एकादशी कहते हैं। Amalaki Ekadashi 2025 यदि एकादशी के दिन अरुणोदय काल (सूरज निकलने से 1घंटा 36 मिनट का समय) में यदि दशमी का नाम मात्र अंश भी रह गया तो ऐसी एकादशी पूर्वविद्धा दोष से दोषयुक्त होने के कारण वर्जनीय है यह एकादशी दैत्यों का बल बढ़ाने वाली है। पुण्यों का नाश करने वाली है।

वासरं दशमीविधं दैत्यानां पुष्टिवर्धनम ।
मदीयं नास्ति सन्देह: सत्यं सत्यं पितामहः ॥ [पद्मपुराण]
दशमी मिश्रित एकादशी दैत्यों के बल बढ़ाने वाली है इसमें कोई भी संदेह नहीं है।

2. B) परविद्धा – द्वादशी मिश्रित एकादशी को परविद्धा एकादशी कहते हैं।
द्वादशी मिश्रिता ग्राह्य सर्वत्र एकादशी तिथि।
द्वादशी मिश्रित एकादशी सर्वदा ही ग्रहण करने योग्य है।

इसलिए भक्तों को परविद्धा एकादशी ही रखनी चाहिए। Amalaki Ekadashi 2025 ऐसी एकादशी का पालन करने से भक्ति में वृद्धि होती है। दशमी मिश्रित एकादशी से तो पुण्य क्षीण होते हैं।

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