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  • Create Date November 2, 2023
  • Last Updated November 2, 2023

भृगु संहिता एक संस्कृत ग्रन्थ है जो ज्योतिष का एक प्राचीन ग्रन्थ है। इसकी रचना महर्षि भृगु ने की थी जो वैदिक काल के सात ऋषियों में से एक हैं। भृगु संहिता महर्षि भृगु और उनके पुत्र शुक्राचार्य के बीच संपन्न हुए वार्तालाप के रूप में है। उसकी भाषा-शैली गीता में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के मध्य हुए संवाद जैसी है।

Bhrigu Samhita

भृगु संहिता में ज्योतिष के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है, जिनमें शामिल हैं:

    • ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव: भृगु संहिता में ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव के बारे में बताया गया है। यह बताता है कि कैसे ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
    • जन्म कुंडली: भृगु संहिता में जन्म कुंडली के बारे में बताया गया है। यह बताता है कि कैसे जन्म कुंडली से किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
    • फलित ज्योतिष: भृगु संहिता में फलित ज्योतिष के बारे में बताया गया है। यह बताता है कि कैसे ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति से किसी घटना या घटना के होने का अनुमान लगाया जा सकता है।

भृगु संहिता एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है जो ज्योतिष के अध्ययन के लिए आवश्यक है। यह एक शक्तिशाली और प्रेरणादायक ग्रन्थ है जो आज भी प्रासंगिक है।

Bhrigu Samhita

भृगु संहिता के कुछ प्रमुख विषयों में शामिल हैं:

    • जन्म कुंडली: भृगु संहिता में जन्म कुंडली के निर्माण और व्याख्या के बारे में बताया गया है।
    • ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव: भृगु संहिता में ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव के बारे में बताया गया है। यह बताता है कि कैसे ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
    • फलित ज्योतिष: भृगु संहिता में फलित ज्योतिष के बारे में बताया गया है। यह बताता है कि कैसे ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति से किसी घटना या घटना के होने का अनुमान लगाया जा सकता है।

भृगु संहिता एक ऐसा ग्रन्थ है जो हमें ज्योतिष के बारे में बहुत कुछ सिखाता है। यह हमें ग्रहों और नक्षत्रों की शक्तियों, और उनके हमारे जीवन पर प्रभाव के बारे में बताता है।

Bhrigu Samhita

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