Loading...

KARMASU

Maa Chinnamasta Stotram

Maa Chinnamasta Stotram:आनन्दयित्रि परमेश्वरि वेदगर्भे मातः पुरन्दरपुरान्तरलब्धनेत्रे ।
लक्ष्मीमशेषजगतां परिभावयन्तः सन्तो भजन्ति भवतीं धनदेशलब्ध्यै ॥ १ ॥

लज्जानुगां विमलविद्रुमकान्तिकान्तां कान्तानुरागरसिकाः परमेश्वरि त्वाम् ।
ये भावयन्ति मनसा मनुजास्त एते सीमन्तिनीभिरनिशं परिभाव्यमानाः ॥ २ ॥

मायामयीं निखिलपातककोटिकूटविद्राविणीं भृशमसंशयिनो भजन्ति ।
त्वां पद्मसुन्दरतनुं तरुणारुणास्यां पाशाङ्कुशाभयवराद्यकरां वरास्त्रैः ॥ ३ ॥

ते तर्ककर्कशधियः श्रुतिशास्त्रशिल्पैश्छन्दोऽ- भिशोभितमुखाः सकलागमज्ञाः ।
सर्वज्ञलब्धविभवाः कुमुदेन्दुवर्णां ये वाग्भवे च भवतीं परिभावयन्ति ॥ ४ ॥

वज्रपणुन्नहृदया समयद्रुहस्ते वैरोचने मदनमन्दिरगास्यमातः ।
मायाद्वयानुगतविग्रहभूषिताऽसि दिव्यास्त्रवह्निवनितानुगताऽसि धन्ये ॥ ५ ॥

Maa Chinnamasta Stotram

वृत्तत्रयाष्टदलवह्निपुरःसरस्य मार्तण्डमण्डलगतां परिभावयन्ति ।
ये वह्निकूटसदृशीं मणिपूरकान्तस्ते कालकण्टकविडम्बनचञ्चवः स्युः ॥ ६ ॥

कालागरुभ्रमरचन्दनकुण्डगोल- खण्डैरनङ्गमदनोद्भवमादनीभिः ।
सिन्दूरकुङ्कुमपटीरहिमैर्विधाय सन्मण्डलं तदुपरीह यजेन्मृडानीम् ॥ ७ ॥

चञ्चत्तडिन्मिहिरकोटिकरां विचेला- मुद्यत्कबन्धरुधिरां द्विभुजां त्रिनेत्राम् ।
वामे विकीर्णकचशीर्षकरे परे तामीडे परं परमकर्त्रिकया समेताम् ॥ ८ ॥

कामेश्वराङ्गनिलयां कलया सुधांशोर्विभ्राजमानहृदयामपरे स्मरन्ति ।
सुप्ताहिराजसदृशीं परमेश्वरस्थां त्वामाद्रिराजतनये च समानमानाः ॥ ९ ॥

लिङ्गत्रयोपरिगतामपि वह्निचक्र- पीठानुगां सरसिजासनसन्निविष्टाम् ।
सुप्तां प्रबोध्य भवतीं मनुजा गुरूक्तहूँकारवायुवशिभिर्मनसा भजन्ति ॥ १० ॥

शुभ्रासि शान्तिककथासु तथैव पीता स्तम्भे रिपोरथ च शुभ्रतरासि मातः ।
उच्चाटनेऽप्यसितकर्मसुकर्मणि त्वं संसेव्यसे स्फटिककान्तिरनन्तचारे ॥ ११ ॥

त्वामुत्पलैर्मधुयुतैर्मधुनोपनीतैर्गव्यैः पयोविलुलितैः शतमेव कुण्डे ।
साज्यैश्च तोषयति यः पुरुषस्त्रिसन्ध्यं षण्मासतो भवति शक्रसमो हि भूमौ ॥ १२ ॥

जाग्रत्स्वपन्नपि शिवे तव मन्त्रराजमेवं विचिन्तयति यो मनसा विधिज्ञः ।
संसारसागरसमृद्धरणे वहित्रं चित्रं न भूतजननेऽपि जगत्सु पुंसः ॥ १३ ॥

इयं विद्या वन्द्या हरिहरविरिञ्चिप्रभृतिभिः पुरारातेरन्तः पुरमिदमगम्यं पशुजनैः ।
सुधामन्दानन्दैः पशुपतिसमानव्यसनिभिः सुधासेव्यैः सद्भिर्गुरुचरणसंसारचतुरैः ॥ १४ ॥

कुण्डे वा मण्डले वा शुचिरथ मनुना भावयत्येव मन्त्री संस्थाप्योच्चैर्जुहोति प्रसवसुफलदैः पद्मपालाशकानाम् ।
हैमं क्षीरैस्तिलैर्वां समधुककुसुमैर्मालतीबन्धुजातीश्वेतैरब्धं सकानामपि वरसमिधा सम्पदे सर्वसिद्ध्यै ॥ १५ ॥

अन्धः साज्यं समांसं दधियुतमथवा योऽन्वहं यामिनीनां मध्ये देव्यै ददाति प्रभवति गृहगा श्रीरमुष्यावखण्डा ।
आज्यं मांसं सरक्तं तिलयुतमथवा तण्डुलं पायसं वा हुत्वा मांसं त्रिसन्ध्यं स भवति मनुजो भूतिभिर्भूतनाथः ॥ १६ ॥

इदं देव्याः स्तोत्रं पठति मनुजो यस्त्रिसमयं शुचिर्भूत्वा विश्वे भवति धनदो वासवसमः ।
वशा भूपाः कान्ता निखिलरिपुहन्तुः सुरगणा भवन्त्युच्चैर्वाचो यदिह ननु मासैस्त्रिभिरपि ॥ १७ ॥

Maa Chinnamasta Stotram॥ इति माँ छिन्नमस्ता स्तोत्र सम्पूर्णम् ॥

Swapna Shastra:सपने में खुद को परेशान देखना शुभ है या अशुभ, जानिए क्या कहता है स्वप्न शास्त्र… Swapna Shastra

Swapna Shastra:सपने में खुद को परेशान देखना शुभ है या अशुभ, जानिए क्या कहता है स्वप्न शास्त्र…

Swapna Shastra: सपने हमारी अवचेतन मानसिक स्थिति का प्रतिबिंब होते हैं और इन्हें समझने से हमें अपने भीतर चल रहे…

Devshayani Ekadashi Vrat Katha: देवशयनी एकादशी की व्रत कथा क्या है,आप भी इस व्रत….. Devshayani Ekadashi Vrat Katha

Devshayani Ekadashi Vrat Katha: देवशयनी एकादशी की व्रत कथा क्या है,आप भी इस व्रत…..

Devshayani ekadashi vrat katha:आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु चार महीने के लिए निद्रा में…

Sawan 2025 Somwar Date:कब है सावन का पहला सोमवार जानें पूजा से जुड़ी प्रमुख बातें Sawan 2025 Somwar

Sawan 2025 Somwar Date:कब है सावन का पहला सोमवार जानें पूजा से जुड़ी प्रमुख बातें

Sawan 2025 Somwar:भगवान शिव का प्रिय महीना सावन जुलाई में शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान शिव की पूजा…

Sawan 2025 Shivling Puja: सावन में शिवलिंग की पूजा कैसे करें? जान लें सही विधि, नियम और पूजा सामग्री Sawan 2025

Sawan 2025 Shivling Puja: सावन में शिवलिंग की पूजा कैसे करें? जान लें सही विधि, नियम और पूजा सामग्री

Sawan 2025:सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. अगर इस महीने उनकी पूजा भक्ति भाव और विधि-विधान से…

नीलकंठ महादेव मंदिर:ऋषिकेश, उत्तराखंड, भारत

नीलकंठ महादेव मंदिर:ऋषिकेश, उत्तराखंड, भारत

हलाहल विष पान के बाद शिव जी ने इसी स्थान पर की थी साधना। नीलकंठ महादेव मंदिर उत्तराखंड के हिमालय पर्वतों…

Trishul in Dream: सपने में त्रिशूल दिखने से आपकी लाइफ में आएगा ये बड़ा बदलाव, जानिए यहां… नीलकंठ महादेव

Trishul in Dream: सपने में त्रिशूल दिखने से आपकी लाइफ में आएगा ये बड़ा बदलाव, जानिए यहां…

Trishul in Dream: सपने भगवान शिव या उनसे जुड़ा कोई सामान दिखने के पीछे गहरा राज होता है, जैसे- सांप,…

Vindhayavasini Stotra:श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र Vindhayavasini Stotra

Vindhayavasini Stotra:श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र

Vindhayavasini Stotra:विंध्यवासिनी स्तोत्र (श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र): माता विंध्यवासिनी स्वरूप भी देवी वत्सल की भक्त हैं और कहा जाता है कि…

Vindhyvasini Stotra:श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र Vindhyvasini Stotra

Vindhyvasini Stotra:श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र

Vindhyvasini Stotra:विंध्यवासिनी स्तोत्र (श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र): माता विंध्यवासिनी स्तोत्र स्वरूप भी देवी वत्सल की भक्त हैं और कहा जाता है…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *