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सोमेश्वर महादेव मंदिर

हजारों साल पहले सोमेश्वर की स्थापना यमुना तट पर जंगल और घने वनों के बीच हुई थी।

सोमेश्वर महादेव मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यमुना तट पर स्थित है। इस मंदिर की गिनती संगमनगरी के प्राचीन मंदिरों में की जाती है, जिसकी महिमा पौराणिक कालों से बताई जाती है। मान्यता है कि सोमेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना के लिए स्वयं भगवान शिव ने चंद्रमा को इसे स्थापित करने को कहा था और उनके ही कहने पर चंद्र देव ने सोमेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना की थी। चंद्रदेव द्वारा स्थापित किये जाने और यहीं उनका कुष्ठरोग ठीक होने की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु निरोगी होने की कामना के साथ यहां पूजन-अर्चन करने के लिए आते हैं।

Someswarar Temple:मंदिर का इतिहास

हजारों साल पहले सोमेश्वर की स्थापना यमुना तट पर जंगल और घने वनों के बीच हुई थी। इस मंदिर की स्थापना स्वयं चंद्रमा द्वारा की गई थी और भगवान शंकर की आराधना कर चंद्रमा को अपने क्षय रोग से मुक्ति मिली थी। ऐसी पौराणिक कथा बताई जाती है कि राजा दक्ष प्रजापति ने जब चंद्रमा को श्राप दिया तो उससे चंद्रमा कुरूप होकर छय रोग से ग्रसित हो गए, श्राप मुक्त होने के लिए उन्होंने भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग की स्थापना कर उनकी आराधना की थी।

सोमेश्वर महादेव मंदिर का महत्व

सोमेश्वर नाथ मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इसके चंद्र कुंड में जो भक्त एक माह तक स्नान कर भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे क्षय रोग से मुक्ति मिल जाती है। ग्रंथों की माने तो चंद्रदेव श्राप की वजह से कुष्ठ रोग से ग्रसित हो गये थे, सोमेश्वर महादेव मंदिर तब भोलेनाथ ने उन्हें इस रोग से मुक्ति का आशीर्वाद दिया था। ऐसी कहा जाता है कि सोमेश्वर नाथ मंदिर के गुंबद पर लगा त्रिशूल पूर्णिमा और अमावस्या को अपनी दिशा बदलता है और जिस तरफ चन्दमा रहता है उधर त्रिशूल घूम जाता है।

सोमेश्वर महादेव मंदिर की वास्तुकला

सोमेश्वर नाथ मंदिर को नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर के शीर्ष पर विशाल शिखर और गुंबद बना है। शिखर के ठीक नीचे गर्भ गृह भगवान भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। मंदिर का गर्भ गृह छोटा है और उसमे संगमरमर लगा है। मंदिर एक प्रवेश द्वार है और ठीक सामने सीढ़ियां बनीं हैं। सोमेश्वर नाथ मंदिर में एक चंद्र कुंड बना है। मंदिर के ऊपर छत्र पर त्रिशूल लगा है जो चंद्रमा के पृथ्वी के चक्कर लगाने के अनुसार ही अपना कोड़ बदलता है।

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मंदिर खुलने का समय

06:00 AM – 08:00 PM

मंदिर का प्रसाद

सोमेश्वर नाथ मंदिर में शिव जी को फल, ड्राई फ्रूट्स,लड्डू, पेड़े का भोग लगाया जाता है। श्रद्धालु भगवान भोले नाथ को भांग, धतूरा, बेलपत्र और दूध भी चढ़ाते हैं।

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