संस्कृत में अकारान्त शब्द: पुंल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग

अकारान्त शब्द वे शब्द होते हैं जिनके अंत में “अ” वर्ण होता है। ये शब्द तीनों लिंगों में पाए जाते हैं: पुंल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग।

पुंल्लिंग :

  • उदाहरण:
    • देव (देवता)
    • राम (पुरुष का नाम)
    • विद्यालय (स्कूल)
    • बालक (लड़का)
    • मार्ग (रास्ता)

स्त्रीलिंग :

  • उदाहरण:
    • गंगा (नदी)
    • कला (कला)
    • लता (लता)
    • पृथ्वी (पृथ्वी)
    • सभा (सभा)

नपुंसकलिंग :

  • उदाहरण:
    • जल (पानी)
    • मधु (शहद)
    • अन्न (भोजन)
    • वायु (हवा)
    • तैल (तेल)

विशेष नियम:

  • कुछ अकारान्त शब्द ऐसे होते हैं जो केवल पुंल्लिंग या स्त्रीलिंग होते हैं।
    • उदाहरण:
      • नर (पुंल्लिंग) – स्त्रीलिंग रूप “नारी” है।
      • कन्या (स्त्रीलिंग) – पुंल्लिंग रूप “कुमार” है।
  • कुछ अकारान्त शब्द ऐसे होते हैं जो सभी तीनों लिंगों में प्रयुक्त होते हैं।
    • उदाहरण:
      • बाल (पुंल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग)
      • फल (पुंल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग)

अकारान्त शब्दों के लिंग का निर्धारण:

  • अकारान्त शब्दों का लिंग आमतौर पर शब्द के अर्थ और उसके प्रयोग पर निर्भर करता है।
  • कुछ मामलों में, शब्द के अंत में प्रत्यय लगाकर भी लिंग का निर्धारण किया जा सकता है।
    • उदाहरण:
      • -का प्रत्यय पुंल्लिंग
      • -ई प्रत्यय स्त्रीलिंग
      • -अम् प्रत्यय नपुंसकलिंग

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह विषय थोड़ा जटिल हो सकता है, और कुछ अपवाद भी हो सकते हैं। यदि आपको किसी विशेष शब्द के लिंग में कोई संदेह है, तो आप किसी शब्दकोश या व्याकरण पुस्तक का उपयोग कर सकते हैं।

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