इस मंदिर को पांडेश्वर नाथ महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में वैसे तो बहुत सारे आध्यात्मिक और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, लेकिन पड़िला महादेव मंदिर का इतिहास अलौकिक है। तीर्थराज प्रयाग के फाफामऊ के थरवई गांव में स्थित इस मंदिर को पांडेश्वर नाथ महादेव के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि पड़िला महादेव मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। इस मंदिर की गिनती प्रयाग के पंचकोसी परिक्रमा में होती है और यहां स्वयं भू शिवलिंग है।

मंदिर का इतिहास

पड़िला महादेव मंदिर को 8,000 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर का नाम पहले माधव मनोहर नाम था। द्वापर युग में अज्ञातवास के दौरान पांडव पड़िला में आकर काफी समय तक रुके थे। इस दौरान पांडवों ने यहां लिंग की पूजा अर्चना की थी। ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने पड़िला महादेव मंदिर में शिवलिंग पर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगी थी कि हम पांचों भाई सकुशल हस्तिनापुर पहुंचें। पांडवों की यह मन्नत पूरी भी हुई। पांडवों द्वारा हुई इसी पूजा के बाद इसे पांडेश्वरनाथ धाम कहा जाने लगा।

मंदिर का महत्व

ऐसी मान्यता है कि श्री कृष्ण की सलाह पर यहां पाण्ड्वों ने अपने वनवासकाल के दौरान भगवान शंकर के लिंग की स्थापना की थी। ऐसी मान्यता है कि पड़िला महादेव मंदिर में शिवलिंग सुबह हरा, दोपहर में भूरा और रात में काले रंग का नजर आता है। भगवान भोलेनाथ के इस पवित्र माह में पांडेश्वरनाथ भगवान भोलेनाथ का हर दिन अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है। भगवान भोलेनाथ के अनेक रूपों के अनुरूप शिवलिंग पर श्रृंगार किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर लगातार 40 दिन तक पांडेश्वर नाथ धाम में भगवान शिव का दर्शन किया जाए, तो दर्शन करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

मंदिर की वास्तुकला

पड़िला महादेव मंदिर एक अनूठी स्थापत्य शैली का प्रदर्शन करता है। पूरी तरह से पत्थरों से निर्मित पड़िला महादेव मंदिर नागर शैली में बना है। द्वापर युग में बना यह मंदिर आज भी बिल्कुल वैसा ही है। मंदिर का डिज़ाइन प्राचीन काल की शिल्प कौशल को दर्शाता है, जिससे दिव्यता और पवित्रता का माहौल बनता है। मंदिर के गर्भ गृह के शीर्ष पर विशाल शिखर बना है। छज्जों के रूप में वातायन बनाकर मंडप को महामंडप बनाया गया है। भीतर हवा जाने के लिए वातायन है और मंडप तीन ओर से खुले हैं। मंदिर की दीवारें पुख्ता हैं।

मंदिर का समय

मंदिर खुलने और बंद होने का समय

05:00 AM – 10:30 PM

मंदिर का प्रसाद

पांडेश्वर महादेव धाम में भक्त उमापति शिवशंकर को खुश करने के लिए लाल झंडा (निशान) और लाठी चढ़ाते हैं। इसके अलावा मंदिर में आने वाले भक्त फल, फूल, मिठाई के साथ गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग चढ़ाते हैं।

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