चैत्र नवरात्रि के साथ प्रभु राम का जन्म और रामराज्य की स्थापना का इतिहास जुड़ा है, इसलिए इस नवरात्रि का धार्मिक महत्व है. नवरात्रि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक होता है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने का विधान है. घटस्थापना से लेकर नवमी तिथि तक 9 दिन देवी के लोग व्रत, पूजा, पाठ आदि में लीन रहते हैं.

नवरात्रि व्रत का मुख्य उद्देश्य अपनी इंद्रियों पर संयम रखना और आध्यात्मिक शक्ति का संचय करना है. ऐसी मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर व्रत रखने और देवी पूजा करने से पूरे 9 दिनों की उपासना करने के समान फल प्राप्त है. 

चैत्र नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाया जाता है। 2024 में, चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक मनाई जाएगी।

नवरात्रि का महत्व:

  • नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का समय है।
  • यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • नवरात्रि के दौरान, भक्त उपवास रखते हैं, मां दुर्गा की पूजा करते हैं और भजन गाते हैं।
  • यह त्योहार लोगों को आध्यात्मिक रूप से प्रेरित करता है और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन:

  • पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा
  • दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा
  • चौथा दिन: मां कुष्मांडा की पूजा
  • पांचवां दिन: मां स्कंदमाता की पूजा
  • छठा दिन: मां कात्यायनी की पूजा
  • सातवां दिन: मां कालरात्रि की पूजा
  • आठवां दिन: मां महागौरी की पूजा
  • नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा

चैत्र नवरात्रि 2024 अष्टमी कब है? (Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date)

नवरात्रि के आठवें दिन महा अष्टमी मनाई जाती है और इस दिन मां महागौरी की पूजा होती है. इस बार चैत्र मास के शुक्ल की अष्टमी तिथि 15 अप्रैल 2024 की दोपहर 12:11 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 16 अप्रैल 2024 की दोपहर 01:23 पर समाप्त होगी. ऐसे में चैत्र नवरात्रि में महाष्टमी 16 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी.

चैत्र नवरात्रि 2024 नवमी कब है ? (Chaitra Navratri 2024 Navami)

इस साल चैत्र नवरात्रि की दुर्गा महानवमी 17 अप्रैल 2024 को पड़ है. पंचांग के अनुसार इसी दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी. यह नवरात्रि का आखिरी दिन होता है. इस दिन देवी दुर्गा के 9वें रूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन, हवन और धार्मिक अनुष्ठानों की समाप्ति के बाद इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण भी किया जाता है.

नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कार्य:

  • घटस्थापना
  • कलश स्थापना
  • मां दुर्गा की पूजा
  • हवन
  • आरती
  • उपवास
  • भजन
  • दान

चैत्र नवरात्रि का समापन:

नवरात्रि का समापन नवमी तिथि को होता है। इस दिन, लोग मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं और एक-दूसरे को प्रसाद वितरित करते हैं।

चैत्र नवरात्रि नवमी पर मनाया जाता है राम जन्मदिवस

शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों में ही नवमी तिथि का प्रभु श्रीराम से गहरा संबंध मिलता है. ऐसी मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय प्राप्ति की थी. ऐसे ही, चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राजा दशरथ के घर पुरुष अवतार के रूप में श्रीराम का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को रामनवमी के रूप में भी जाना जाता है.

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