चंद्र देव नौग्रहो में से एक है। सूर्य देव के बाद चंद्र देव ही ऐसे भगवान हैं जो दुनिया को साक्षात दर्शन देते हैं। भगवान चन्द्रमा की पूजा का बहुत महत्व हैं। आज हम आपको चंद्र देव की पूजा के बारे में बताएंगे।

जाने चंद्र देव के बारे में

चन्द्रदेव के पिता महर्षि अत्रि और माँ अनुसूया हैं।

इनका वर्ण चमकीला हैं।

चंद्र देव को सर्वमय कहा गया है। ये सोलह कलाओं से युक्त हैं।

भगवान कृष्ण ने इन्ही के वंश में जन्म लिया था इसलिए वो भी सोलह कलाओ में युक्त थे।

समुद्र मंथन से उत्पन्न होने के कारण इन्हे देवी लक्ष्मी और कुबेर का भाई माना जाता हैं।

मंगलनाथ में भात पूजा

चंद्र पूजा मंत्र

 ऊँ ऎं क्लीं सोमाय नम: ।

ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम: ।

चंद्र पूजा के लाभ

चंद्र पूजा से आपके आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा आपको हानि नहीं पहुंचा सकती।

चंद्र पूजा की मदद से महिलाओं की मासिक धर्म की समस्याओं का निवारण होता हैं।

चन्द्रमा की पूजा से आपकी आँखों की रोशनी बढ़ती हैं। 

चंद्र पूजा से आपको भावनात्मक शांति प्राप्त होती हैं।

त्वचा संबंधी रोग भी चंद्र पूजा से दूर हो जाते हैं।

चंद्र पूजा के लिए आवश्यक जानकारी

जन्मतिथि, जन्म का समय, जन्म स्थान, गोत्र

यदि आप एक से ज्यादा लोगों के नाम पर पूजा कराना चाहते हो तो आपको हमें उनके नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान और गोत्र आदि की जानकारी देनी अनिवार्य हैं।

चंद्र पूजा किस तरह संपन्न होगी

चंद्र पूजा के लिए सारी जानकारी हमें प्राप्त होने के बाद आपको पूजा की दक्षणा देनी होगी।  

चंद्र पूजा की राशि अदा करने के बाद हम आपको पूजा का मुहर्त बताते हैं। 

चंद्र पूजा कितने दिनों तक चलेगी। पूजा में कितने पंडित शामिल होंगे।

यह सारी जानकारी आप को चंद्र पूजा से पहले ही दे दी जाएगी।

पूजा समाप्त होने के बाद चंद्र पूजा का प्रसाद आपके दिए हुए घर के एड्रेस पर भेज दिया जाएगा।

सीता नवमी

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