इस मंदिर में भगवान शिव की पुरुष और स्त्रियों की शक्ति के संगम को बताया गया हैं।
गोपेश्वर महादेव मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा जिले के श्री वृंदावन धाम में स्थित है। गोपेश्वर महादेव मंदिर वंशी बट और यमुना नदी के तट पर बना है जो भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं। गोपेश्वर मंदिर में महादेव अपने भक्तों को दिन में दो स्वरूप में दर्शन देते हैं। जहां भक्त सुबह के समय महादेव का जलाभिषेक करते हैं तो शाम को भोलेनाथ का 16 श्रृंगार कर उन्हें गोपी के रूप में सजाया जाता है।
पवित्र यमुना नदी के जल से शिव लिंग को स्नान कराने की धार्मिक प्रथा आज भी इस पवित्र स्थान पर प्रचलित है। भगवान शंकर के गोपी रूप में प्रसिद्ध इस मंदिर में आज भी शिव को नारी के रूप में सजाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के परिसर में पीपल का पेड़ स्थित है जो हर मनोकामना को पूरा करता है। इस मंदिर में भगवान शिव की पुरुष और स्त्रियों की शक्ति के संगम को बताया गया हैं।
मंदिर का इतिहास
वृंदावन के गोपेश्वर महादेव के मंदिर में शिव गोपी रूप में विराजमान हैं। ये विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां महादेव का महिलाओं की तरह शृंगार किया जाता है। श्रीकृष्ण वृंदावन में गोपियों के साथ रास लीला किया करते थे तो सभी देवता उन्हें देखने के लिए आतुर रहते थे। भगवान शिव के मन में भी इस महारास में भाग लेने की इच्छा उत्पन्न हुई।
जब भगवान शिव ने गोपी रूप धारण करके महारास में हिस्सा लिया तो भगवान श्रीकृष्ण उन्हें पहचान गए। महारास के खत्म होने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ मिलकर महादेव के गोपी रूप की पूजा की और उनसे इस रूप में ब्रज में ठहरने का आग्रह किया। शिव जी ने श्री कृष्ण के आग्रह को स्वीकार किया। तब राधारानी ने शिव जी के गोपी के रूप को गोपेश्वर महादेव का नाम दिया। तब से आज तक महादेव का ये रूप वृंदावन में विराजमान है।
मंदिर का महत्व
गोपेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता हैं और उन्हें गोपियों के रूप में तैयार किया जाता हैं। रासलीला के वक्त शाम को 5 बजे से 9 बजे के दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती हैं। मंदिर के परिसर में मौजूद बडा सा पीपल का पेड़ सबकी इच्छाए पूरी करता है इसीलिए इस पेड़ को कल्पवृक्ष कहा जाता है।
मंदिर की वास्तुकला
वृंदावन में स्थित भगवान शिव के गोपेश्वर महादेव मंदिर में राजस्थानी और नागर शैली का प्रयोग किया गया है। गोपेश्वर महादेव मंदिर का परिसर बहुत बड़ा और भव्य बनाया गया है। मंदिर परिसर में बड़ा आंगन है, जहां श्रद्धालु भगवान शिव और श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर के बगल में एक पीपल का पेड़ है। जिसे कल्पवृक्ष भी कहते है। श्री कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने गोपेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया था।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM – 12:00 PM
सुबह आरती का समय
07:30 AM – 08:30 AM
सांय मंदिर खुलने का समय
04:30 PM – 09:30 PM
शाम आरती का समय
07:30 PM – 08:30 PM
मंदिर का प्रसाद
गोपेश्वर महादेव मंदिर में शिव जी को फल,दूध, दही, पेड़े का भोग लगाया जाता है। कुछ भक्त भगवान को जलाभिषेक करते है तो कुछ दूध या शहद से अभिषेक करते है।