ऐसा कहा जाता है कि यहां माता सती के केश गिरे थे, इसका प्रमाण शास्त्रों में भी मिलता है।
कात्यायनी पीठ वृंदावन भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा जिले के श्री वृंदावन धाम में स्थित है। भगवान कृष्ण की नगरी वृन्दावन में भी, देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक कात्यायनी पीठ स्थित है। यह एक बहुत ही प्राचीन सिद्ध पीठ है जो राधाबाग के पास है। यहाँ माता सती ‘उमा’ तथा भगवन शंकर ‘भूतेश’ के नाम से जाने जाते है। ऐसा कहा जाता है कि यहां माता सती के केश गिरे थे, इसका प्रमाण शास्त्रों में भी मिलता है। देवर्षि श्री वेदव्यास जी ने श्रीमद् भागवत के दशम स्कंध के 22वें अध्याय में उल्लेख किया है- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नम:॥
katyayani peeth:मंदिर का इतिहास
कात्यायनी पीठ का निर्माण स्वामी केशवानंद ने फरवरी 1923 में करवाया था। इस मंदिर में मां कात्यायनी के साथ पंचानन शिव, विष्णु, सूर्य तथा सिद्धिदाता श्री गणेशकी मूर्तियां हैं । कात्यायनी पीठ वृंदावन लोग मंदिर को मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण देखते ही श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और दिल और दिमाग में शांति पाते हैं। कात्यायनी पीठ में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा लगी रहती है। बताया जाता है कि राधारानी ने भी श्रीकृष्ण को पाने के लिए इस शक्तिपीठ की पूजा की थी।
कात्यायनी पीठ वृंदावन:मंदिर का महत्व
कात्यायनी पीठ में अविवाहित युवक-युवती नवरात्र के मौके पर मनपसंद वर और वधु पाने के लिए कात्यायनी माता का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं और उनकी मन की मुराद पूरी भी होती है। ऐसा कहा जाता है श्री कृष्ण ने कात्यायनी पीठ वृंदावन अपने मामा कंस का वध करने से कात्यायनी मां की पूजा की थी। कंस वध से पहले यमुना किनारे श्री कृष्ण मां कात्यायनी को कुलदेवी मानकर बालू से उनकी प्रतिमा बनाई और पूजा की। उसके बाद कंस का वध किया था। जिन लड़कियों या लड़को की शादी में किसी कारण कोई विलंब हो रहा होता है। कात्यायनी मां की कृपा से उनका भी विवाह जल्द से जल्द हो जाता है।
मंदिर की वास्तुकला
कात्यायनी पीठ मंदिर एक शांत और वास्तुकला की दृष्टि से अद्भुत मंदिर है। मंदिर की बनावट में राजस्थानी शैली की झलक देखने को मिलती है। मंदिर में एक विशाल परिसर है, जहां भक्त आकर मां की पूजा-अर्चना करते हैं। कात्यायनी पीठ वृंदावन उत्कृष्ट नक्काशी और पेंटिंग इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं। मंदिर में कई स्तम्भ बने हैं, जिसपर कात्यायनी मां से जुड़े संस्कृत में मंत्र लिखे गए हैं।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
06:00 AM – 12:00 PM
सांय मंदिर खुलने का समय
04:00 PM – 07:30 PM