मासिक शिवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।

इस दिन पड़ रही है मासिक शिवरात्रि Masik Shivratri 2023

Masik Shivratri 2023 मासिक शिवरात्रि 11 दिसबंर के दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी। साथ ही इस तिथि की समाप्ति 12 दिसंबर, रविवार सुबह 6 बजकर 24 मिनट पर होगी। ऐसे में इस बार मासिक शिवरात्रि की उपासना 11 दिसंबर को की जाएगी।

पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नानादि से निवृत हो जाएं। इसके बाद महादेव की पूजा करें। ऐसा कहा जाता है औघड़दानी को बेलपत्र, भांग, धतूरा अति प्रिय है।

व्रती को सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

फिर मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाओं को गंगाजल से स्नान कराएं।

इसके बाद भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद, फल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।

भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।

भगवान शिव की आरती करें।

अंत में प्रसाद वितरित करें।

इसलिए इन चीजों को अपनी पूजा में जरूर शामिल करें। इसके साथ व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। अंत में कपूर की आरती से पूजा का समापन करें।

मासिक शिवरात्रि के व्रत का नियम

मासिक शिवरात्रि के व्रत में व्रती को दिन में कुछ भी नहीं खाना चाहिए। केवल रात में एक बार भोजन करना चाहिए। व्रती को इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।

मासिक शिवरात्रि के व्रत के लाभ

मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

मासिक शिवरात्रि के व्रत का महत्व और लाभ देखते हुए सभी लोगों को इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।

शिव स्तुति

आशुतोष शशाँक शेखर,

चन्द्र मौली चिदंबरा,

कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,

कोटि नमन दिगम्बरा ॥

निर्विकार ओमकार अविनाशी,

तुम्ही देवाधि देव,

जगत सर्जक प्रलय करता,

शिवम सत्यम सुंदरा ॥

निरंकार स्वरूप कालेश्वर,

महा योगीश्वरा,

दयानिधि दानिश्वर जय,

जटाधार अभयंकरा ॥

शूल पानी त्रिशूल धारी,

औगड़ी बाघम्बरी,

जय महेश त्रिलोचनाय,

विश्वनाथ विशम्भरा ॥

नाथ नागेश्वर हरो हर,

पाप साप अभिशाप तम,

महादेव महान भोले,

सदा शिव शिव संकरा ॥

जगत पति अनुरकती भक्ति,

सदैव तेरे चरण हो,

क्षमा हो अपराध सब,

जय जयति जगदीश्वरा ॥

जनम जीवन जगत का,

संताप ताप मिटे सभी,

ओम नमः शिवाय मन,

जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥

आशुतोष शशाँक शेखर,

चन्द्र मौली चिदंबरा,

कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,

कोटि नमन दिगम्बरा ॥

कोटि नमन दिगम्बरा..

कोटि नमन दिगम्बरा..

कोटि नमन दिगम्बरा..

मासिक शिवरात्रि के व्रत का नियम

मासिक शिवरात्रि के व्रत में व्रती को दिन में कुछ भी नहीं खाना चाहिए। केवल रात में एक बार भोजन करना चाहिए। व्रती को इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।

मासिक शिवरात्रि के व्रत के लाभ

मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

मासिक शिवरात्रि के व्रत का महत्व और लाभ देखते हुए सभी लोगों को इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।

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