श्री सरस्वती स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिंदू देवी सरस्वती की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आमतौर पर विद्या और बुद्धिमत्ता की प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है। स्तोत्र की शुरुआत देवी सरस्वती के रूप और गुणों का वर्णन…
श्री सरस्वती स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिंदू देवी सरस्वती की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आमतौर पर विद्या और बुद्धिमत्ता की प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है। स्तोत्र की शुरुआत देवी सरस्वती के रूप और गुणों का वर्णन…
श्री सरस्वती स्तोत्र एक हिंदू प्रार्थना है जो देवी सरस्वती को समर्पित है, जो ज्ञान, विद्या, संगीत, कला और कला की हिंदू देवी हैं। स्तोत्र में देवी के कई रूपों और गुणों की प्रशंसा की गई है। स्तोत्र की कुछ…
श्री सरस्वती स्तोत्र एक हिंदू प्रार्थना है जो देवी सरस्वती को समर्पित है, जो ज्ञान, विद्या, संगीत, कला और कला की हिंदू देवी हैं। स्तोत्र में देवी के कई रूपों और गुणों की प्रशंसा की गई है। स्तोत्र के कुछ…
श्री सरस्वती स्तोत्र एक हिंदू प्रार्थना है जो देवी सरस्वती को समर्पित है, जो ज्ञान, विद्या, संगीत, कला और कला की हिंदू देवी हैं। स्तोत्र में देवी के कई रूपों और गुणों की प्रशंसा की गई है। स्तोत्र के कुछ…
लघु राघवेंद्रस्तोत्र श्रीमद् राघवेंद्राय सत्यधर्मरताय च । भजतां कल्पवृक्षाय नमतां कामधेनवे ॥ १॥ अर्थ: हे श्री राघवेंद्र, आप सत्य और धर्म के प्रति दृढ़ हैं। आप भक्तों के लिए कल्पवृक्ष हैं, और आप कामधेनु हैं। हम आपके चरणों में नमस्कार…
ब्रह्मकृतं श्रीस्तनवकास्तोत्रम् अथ श्रीस्तनवकास्तोत्रम् ऋषिः: ब्रह्मा देवताः: श्रीस्तनवकाः छन्दः: अनुष्टुप श्लोक १ अयोध्यापुरीवासिन: श्रीस्तनवका: प्रभो, स्तवनं करिष्यामहे त्वां नमस्तेऽस्तु शम्भो। अर्थ: हे भगवान, अयोध्यापुरी में रहने वाले श्रीस्तनवका, हम आपकी स्तुति करते हैं। आपको नमस्कार है, हे शंकर। श्लोक २…
पक्षीकृत श्रीरामनामकस्तोत्रम् श्रीराम: हरे राम हरे राम श्रीराम जय राम जय जय राम पक्षी: कौन है यह राम जो हरे राम हरे राम कहता है श्रीराम: मैं हूं राम रघुकुल के नंदन सीता के पति और रावण का वध करने…
त्वमेव ब्रुहि स्तोत्रम भगवान राम को समर्पित एक सुंदर और शक्तिशाली संस्कृत भजन है। इसका श्रेय रामायण के रचयिता महान ऋषि वाल्मिकी को दिया जाता है। भजन की शुरुआत “त्वमेव ब्रुही” आह्वान से होती है, जिसका अर्थ है “कृपया मुझे…
जटायुकृत राम स्तोत्र श्लोक 1: नमो नमस्ते वीर जटायु तुमने सीता को बचाया तुमने रावण से लड़ा और अपने प्राण गंवाए अनुवाद: हे वीर जटायु, मैं आपको नमन करता हूं। आपने सीता को बचाया, रावण से लड़ा, और अपने प्राण…
इन्द्रकृतं रामस्तोत्रम् एक स्तोत्र है जो भगवान राम की स्तुति में लिखी गई है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के कवि तुलसीदास द्वारा रचित है और रामचरितमानस में पाई जाती है। इन्द्रकृतं रामस्तोत्रम् में, इन्द्र भगवान राम की महिमा का वर्णन…
अमंत्रदोत्सवस्तोत्रम भगवान शिव की स्तुति और भक्ति का एक भजन है। यह 17वीं शताब्दी के कवि-संत समर्थ रामदास द्वारा लिखा गया है। यह भजन मराठी में है और मराठी भाषा में सबसे लोकप्रिय और श्रद्धेय भजनों में से एक है।…