श्रीकृष्णस्तोत्रं मोहिनीरचितम् Srikrishna Stotram Mohinirachitam

हाँ, श्रीकृष्ण स्तोत्र मोहिनी रचित है। यह एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के एक अलग गुण या उपलब्धि की…

श्रीगुरुवातपुरनाथपञ्चरत्नस्तोत्रम् Sriguruvatpurnathpancharatnastotram

श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र पांच रत्नों का वर्णन करता है जो भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप के प्रतीक हैं। श्रीगुरुवैयूपुरनाथपंचरात्नस्तोत्रम् की रचना श्री कृष्णदास कविराज…

श्रीगुरुवातपुराधीशाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् Sriguruvatpuradhishashtottarashatanamastotram

श्रीगुरुवैयूपुरधिशष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 108 नामों में विभाजित है, और प्रत्येक नाम में भगवान कृष्ण के वैकुंठ रूप के एक अलग गुण या उपलब्धि का…

श्रीसदाशिवेन्द्रस्तोत्रम् Srisadashivendrastotram

श्रीसदाशिवेंद्रस्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के एक रूप, सदाशिव की स्तुति करता है। इस स्तोत्र की रचना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास ने की थी। श्रीसदाशिवेंद्रस्तोत्रम में भगवान शिव के रूप, सदाशिव को एक अत्यंत शक्तिशाली और…

श्रीगोकुलाष्टकम् अथवा गोकुलनामस्तोत्रम् Shri Gokulashtakam or Gokulanamastotram

श्रीगोकुलाष्टकम् और गोकुलनामस्तोत्रम् दोनों ही भगवान कृष्ण के गोकुल रूप की महिमा का वर्णन करने वाले वैष्णव स्तोत्र हैं। श्रीगोकुलाष्टकम् में भगवान कृष्ण के गोकुल के राजा रूप की महिमा का वर्णन किया गया है, जबकि गोकुलनामस्तोत्रम् में भगवान कृष्ण…

श्रीगोकुलेशाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् Srigokuleshotsavavarnanam

श्रीगोपालदेवशतक एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के देव रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र दस श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के देव रूप के एक अलग गुण या उपलब्धि की…

श्रीगोपालराजस्तोत्रम् Srigopalrajasotram

श्रीगोपालराजस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के राजा रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के राजा रूप के एक अलग गुण या उपलब्धि की…

श्रीगोपालसहस्रनामस्तोत्रम् २ अथवा बालकृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् Srigopalasahasranamastotram 2

श्रीगोपाल सहस्रनामस्तोत्रम् 2 एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के एक हजार नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र श्री गोपाल सहस्रनामस्तोत्रम् का एक संस्करण है, जिसकी रचना श्री कृष्णदास कविराज ने की थी। श्रीगोपाल सहस्रनामस्तोत्रम् 2…

हरिहरष्टोत्तमस्तोत्रम् या श्री हरिहरात्मकस्तोत्रम् Hariharashtottamstotram or Srihariharataktmastotram

हरिहरात्मक स्तोत्र और हरिहरष्टोत्तम स्तोत्र दोनों ही भगवान विष्णु और शिव की एक साथ स्तुति करने वाले स्तोत्र हैं। दोनों स्तोत्रों में भगवान विष्णु और शिव की एकरूपता और उनके बीच के संबंध को दर्शाया गया है। हरिहरात्मक स्तोत्र की…

श्रीगोपालस्तोत्रम् Srigopalastotram

श्रीगोपालस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के एक अलग गुण या उपलब्धि की स्तुति की गई है। श्रीगोपालस्तोत्रम् की…

श्रीगोविन्दशरणागतिस्तोत्रम् Shri Govindsharanagatistotram

श्री गोविन्द शरणागती स्तोत्र एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की शरण में जाने के महत्व का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण की शरण में जाने के लाभों…

श्रीगौराङ्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् Shri Gaurangashtottara Shatnamstotram

श्री गौरांगष्टोत्तर श्लोकनमस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ४२ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान चैतन्य महाप्रभु के एक अलग गुण या रूप की स्तुति की…