जगन्नाथ गीतमृतं 2 एक संस्कृत ग्रंथ है जो भगवान जगन्नाथ की स्तुति करता है। यह ग्रंथ दो खंडों में विभाजित है, प्रत्येक खंड में 50 श्लोक हैं। ग्रंथ का पहला खंड भगवान जगन्नाथ के जन्म, बाल्यकाल, किशोरावस्था और युवावस्था का…
जन्मवैफ़ल्यनिर्मूपनष्टक एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में एक विशेष विषय का वर्णन है। स्तोत्र का पहला श्लोक भगवान शिव की दया और करुणा की प्रशंसा…
तालध्वज रथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल तीन रथों में से एक है। यह रथ भगवान बलराम को समर्पित है। रथ का नाम भगवान बलराम के हाथ में धारण किए हुए ताल या डमरू के नाम पर रखा गया…
त्रिभंगिपंचाकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के पांच रूपों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र पांच श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में एक रूप का वर्णन है। स्तोत्र का पहला श्लोक भगवान शिव के त्रिभंग रूप का…
द्वादशमूर्तिस्तुति 1 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के बारह रूपों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र दो श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में छह रूपों का वर्णन है। स्तोत्र का पहला श्लोक भगवान विष्णु के छह दक्षिणपंथी…
द्वादशमूर्तिस्तुति 2 एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के बारह रूपों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र दो श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में छह रूपों का वर्णन है। स्तोत्र का पहला श्लोक भगवान शिव के छह दक्षिणपंथी…
द्वितीया चतुश्लोकी भागवत एक संस्कृत श्लोक है जो श्रीमद्भागवत पुराण से लिया गया है। यह श्लोक भगवान कृष्ण के अवतार और उनके उद्देश्य का वर्णन करता है। द्वितीया चतुश्लोकी का पाठ निम्नलिखित है: अहमेवासमेवाग्रे नान्यद् यत् सदसत् परम्। पश्चादहं यदेतच्च…
नवनीतकृष्णाष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण की एक विशेष लीला का वर्णन है। स्तोत्र का पहला श्लोक भगवान कृष्ण…
नवनीतकृष्णाष्टकम्, जिसे हिंदी में “नवनीता कृष्ण की आठ स्तुतियाँ” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो बाल कृष्ण की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में कृष्ण के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करता है।…
नवरात्र स्तोत्रम, जिसे हिंदी में “नौ देवियों की स्तुति” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 40 श्लोकों में देवी के विभिन्न नामों…
नामयुगलाशतकम्, जिसे हिंदी में “नाम युगलों का शतक” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण और राधा की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में कृष्ण और राधा के विभिन्न नामों और गुणों का…
नामरत्नामालविलोष्टोत्रम्, जिसे हिंदी में “नाम रत्नमाला विलोष्टोत्र” भी कहा जाता है, एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में शिव के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करता है। नामरत्नामालविलोष्टोत्रम् की…