स्फुरत्कृष्णप्रेमामृतस्तोत्रम् Sphuratkrishnapremamritstotram

स्फुरत्कृष्णप्रेममृतस्तोत्रम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के प्रेम की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के प्रेम को एक अमृत के रूप में वर्णित करता है जो भक्तों के जीवन को आनंद और पूर्णता से…

स्वप्रभुविज्ञप्तिः Swaprabhuvijnyaptiḥ

स्वप्रभुविज्ञाति एक आध्यात्मिक अवधारणा है जो भगवान कृष्ण के सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान स्वभाव को समझने की प्रक्रिया को संदर्भित करती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें भक्त भगवान कृष्ण को सर्वव्यापी आत्मा के रूप में पहचानते हैं, जो सभी…

स्वप्रभुस्वरूपनिरूपणाष्टकम् Swaprabhuswaroopanirupanashtakam

स्वप्रभूस्वरूपनिर्वर्णनशतकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के रूप और गुणों का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान स्वभाव को दर्शाता है। स्वप्रभूस्वरूपनिर्वर्णनशतकम् की रचना श्रीरूप गोस्वामी द्वारा की गई थी। स्वप्रभूस्वरूपनिर्वर्णनशतकम् में 10…

स्वस्वामियुगलाष्टकम् swaswamiyugalashtakam

स्वास्वामियुगलाशतकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम और मिलन का वर्णन करता है। स्वास्वामियुगलाशतकम् की रचना स्वामी युगल शरण जी द्वारा की गई…

आनन्दस्तोत्रम् Anandstotram

आनंदस्तोत्रम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण के रूप और गुणों का वर्णन करता है। आनंदस्तोत्रम् की रचना श्रीरूप गोस्वामी द्वारा की गई थी। आनंदस्तोत्रम् में 12 श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक…

एकश्लोकी भागवतम् ekashlokee bhaagavatam

एकश्लोकी भागवतम एक छोटा लेकिन शक्तिशाली भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र केवल एक श्लोक से बना है, जो इस प्रकार है: कृष्णो वासुदेवो हरिः केशवः माधवः गोविन्दः श्रीधरः देवकीनन्दनः नारायणः मधुसूदनः इस श्लोक…

एकाक्षरकृष्णमन्त्रम् Ekaksharakrishnamantram

एकाक्षर कृष्णमंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह मंत्र केवल एक शब्द से बना है, “क्लीं”। “क्लीं” एक बीज मंत्र है जो भगवान कृष्ण के मूल स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। एकाक्षर कृष्णमंत्र का…

केशवाष्टकम् Keshavashtakam

केशवष्टकम् एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के रूप और गुणों का वर्णन करता है। केशवष्टकम् की रचना श्रीरूप गोस्वामी द्वारा की गई थी। केशवष्टकम् में आठ श्लोक हैं। प्रत्येक श्लोक…

गीतावली Geetawali

गीतावली गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ब्रजभाषा में एक काव्य कृति है। यह कृति राम के जीवन और कार्यों पर आधारित है। गीतावली में 273 पद हैं, जो 15 सोपानों में विभाजित हैं। गीतावली के सोपान इस प्रकार हैं: रामचरित रामकथा…

गुरुमरुत्पुराधीशस्तोत्रम् Gurumarutpuradheeshstotram

गुरुमारुतपुरधीशस्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु को गुरुवायुर के मंदिर के स्वामी के रूप में दर्शाता है। स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है: नमस्ते गुरुवायुरनाथाय, सर्वलोकनाथाय। सर्वव्यापी…

गुरुवायुपुरेशभुजङ्गस्तोत्रम् Guruvayupureshbhujangastotram

गुरुवायुपुरेश्वरभुजंगास्तोत्रम एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के भुजंगों की विशेष रूप से स्तुति करता है। स्तोत्र का पाठ इस प्रकार है: नमस्ते गुरुवायुपुरेश्वराय, सर्वव्यापी रूपधारिणे। भुजङ्गेच्छामयं वपुः,…

गुरुवायुरप्प अथवा नारायणीय तथा रोगहरसहस्रनामस्तोत्रम् Guruvayurap or Narayaniya and Rogaharasahasranamastotram

गुरुवायुरप्पा, नारायणीया और रोगहरसहस्रनामस्तोत्रम तीन अलग-अलग भक्तिपूर्ण ग्रंथ हैं जो भगवान विष्णु की स्तुति करते हैं। गुरुवायुरप्पा एक छोटा सा भक्तिपूर्ण गीत है जो भगवान विष्णु के गुरुवायुर रूप की स्तुति करता है। यह गीत भगवान विष्णु को गुरुवायुर के…