श्रीकृष्णस्तुतिः shreekrshnastutih

श्रीकृष्णस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह एक सुंदर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति है जो दिव्य के प्रति भक्ति का प्रतीक है। स्तोत्र की शुरुआत में यह घोषणा की जाती है कि कृष्ण शाश्वत ईश्वर…

श्रीकृष्णस्तुतिः shreekrshnastutih

श्रीकृष्णस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह एक सुंदर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति है जो दिव्य के प्रति भक्ति का प्रतीक है। स्तोत्र की शुरुआत में यह घोषणा की जाती है कि कृष्ण शाश्वत ईश्वर…

श्रीकृष्णस्तुतिः ३ shreekrshnastutih 3

तुम ही हो हे कृष्ण, अविनाशी परमेश्वर, तुम ही हो हे कृष्ण, विश्व के पालनहार। तुम ही हो हे कृष्ण, संसार के विधाता, तुम ही हो हे कृष्ण, सभी जीवों के आधार। तुम ही हो हे कृष्ण, ज्ञान के सागर,…

सुभद्रागीतामृतम् subhadrageetaamrtam

सिद्धान्तरहस्या एक संस्कृत ग्रन्थ है जो 16वीं शताब्दी में वल्लभाचार्य द्वारा रचित है। यह ग्रन्थ वल्लभाचार्य के पुष्टिमार्ग के सिद्धान्तों का एक संक्षिप्त और सुव्यवस्थित निरूपण प्रस्तुत करता है। सिद्धान्तरहस्या में, वल्लभाचार्य ने कृष्ण को परब्रह्म माना है। उन्होंने कहा…

सिद्धान्तरहस्यम् siddhaantarahasyam

सिद्धान्तरहस्या एक संस्कृत ग्रन्थ है जो 16वीं शताब्दी में वल्लभाचार्य द्वारा रचित है। यह ग्रन्थ वल्लभाचार्य के पुष्टिमार्ग के सिद्धान्तों का एक संक्षिप्त और सुव्यवस्थित निरूपण प्रस्तुत करता है। सिद्धान्तरहस्या में, वल्लभाचार्य ने कृष्ण को परब्रह्म माना है। उन्होंने कहा…

सिद्धान्तमुक्तावली siddhaantamuktaavalee

सिद्धान्तमुक्तावली एक संस्कृत ग्रन्थ है जो न्याय दर्शन का एक प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ की रचना विश्वनाथ पञ्चानन भट्टाचार्य ने की थी। सिद्धान्तमुक्तावली में, विश्वनाथ पञ्चानन भट्टाचार्य ने न्याय दर्शन के प्रमुख सिद्धान्तों का विवेचन किया है। उन्होंने न्याय…

श्रीसर्वेश्वरप्रपत्तिस्तोत्रम् shreesarveshvaraprapattistotram

श्रीसरवेश्वरप्रपन्नस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखा गया है। इस स्तोत्र की रचना 14वीं शताब्दी में श्रीपादाचार्य नामक एक संत ने की थी। श्रीसरवेश्वरप्रपन्नस्तोत्रम् में, श्रीपादाचार्य भगवान शिव को सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी, और सर्वज्ञ मानते हैं।…

श्रीसर्वेश्वरप्रणतिपद्यावली shreesarveshvaraprantipadyaavalee

श्रीसरवेश्वरप्रणतिपादावली एक संस्कृत ग्रन्थ है जो भगवान शिव की स्तुति में लिखी गई है। इस ग्रन्थ की रचना 14वीं शताब्दी में श्रीपादाचार्य नामक एक संत ने की थी। श्रीसरवेश्वरप्रणतिपादावली में, श्रीपादाचार्य भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हैं। वे…

सन्तानगोपालमन्त्रप्रयोगः santaanagopaalamantraprayogah

संतान गोपाल मंत्र प्रयोग एक हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है जो संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस अनुष्ठान में, संतान गोपाल मंत्र का जाप किया जाता है, साथ ही अन्य धार्मिक क्रियाएं भी की जाती हैं। संतान गोपाल मंत्र…

सचिनन्दनाष्टकम् sachinandanaashtakam

सचिनंदनाष्टकम् एक संस्कृत कविता है जो भगवान कृष्ण के बाल रूप की प्रशंसा में लिखी गई है। यह कविता सच्चिदानंद नामक एक कवि ने लिखी थी। कविता में भगवान कृष्ण के बाल रूप की सुंदरता और आकर्षण का वर्णन किया…

षड्गोस्वाम्यष्टकम् shadgosvaameeshtakam

षड्गोस्वामीष्टकम् एक संस्कृत कविता है जो कृष्ण भक्ति आंदोलन के छह प्रमुख गुरुओं की प्रशंसा में लिखी गई है। इन छह गुरुओं का नाम है: shadgosvaameeshtakam रूप गोस्वामी सनातन गोस्वामी रघुनाथ भट्ट गोस्वामी राघवदास गोस्वामी जीव गोस्वामी गोपाल भट्ट गोस्वामी…

श्रुतिगीता २ shrutigeeta 2

श्रुतिगीता 2 एक आधुनिक नाटक है जिसकी रचना 2018 में मधुकर शर्मा ने की थी। यह नाटक एक महिला के दृष्टिकोण से गीता के संदेशों को प्रस्तुत करता है। नाटक की कहानी एक युवा महिला श्रुति की है जो गीता…