दक्षिणामूर्तिस्तोत्रं सूतसंहिता Dakshinamurthy Stotram Sutasamhita

Dakshinamurthy Stotram Sutasamhita दक्षिणामूर्त्य स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के दक्षिणामूर्त्य रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र सुतसंहिता में वर्णित है। दक्षिणामूर्त्य भगवान शिव का एक रूप है जिसमें वे ध्यान मुद्रा में बैठे…

देवसङ्घकृता शिवस्तुतिः Devsanghkrita Shivastuti:

 Devsanghkrita Shivastuti: देवसंघकृत शिवस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में 12 पद हैं। प्रत्येक पद में, देवता भगवान शिव की एक विशेषता का…

द्व्यर्थिरामेश्वरस्तोत्रम् Dvyarthirameshvarastotram

Dvyarthirameshvarastotram द्वयर्धिरेश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के द्वयर्धिरेश्वर रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में 12 पद हैं। प्रत्येक पद में, स्तोत्रकार भगवान शिव के द्वयर्धिरेश्वर रूप…

धान्यवाडिकाक्षेत्रमाहात्म्यम् Dhaanyavaadikaakshetramahaatmyam

Dhaanyavaadikaakshetramahaatmyam धन्यवादिका क्षेत्र माहात्म्य एक पौराणिक कथा है जो भगवान शिव के धन्यवादिका क्षेत्र की महिमा का वर्णन करती है। यह कथा स्कंद पुराण में वर्णित है। कथा के अनुसार, एक समय, एक ब्राह्मण अपने पुत्र के साथ धन्यवादिका क्षेत्र…

नमः शिवाय सर्वदा Namah shivaay sarvada

Namah shivaay sarvada नमः शिवाय सर्वदा मंत्र आदरे वदा । चित्त शांत होतसे बाधती न आपदा ॥ १॥ ब्रह्म पूर्ण निर्गुणी भक्त भाव लक्षुनी । मूर्त सर्वमंगला होत शंभु होउनी ॥ २॥ चंद्रकोर मस्तकी नागबंध हस्तकी । कालकूट सेविले निस्पृहे…

नारायणकृतं शिवस्तवः Narayankritam Shivastavah

 Narayankritam Shivastavah नारायणकृतं शिवस्तवः एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के अवतार भगवान नारायण द्वारा रचित है। स्तोत्र 12 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में 12 पद हैं।…

पञ्चदेवतास्तोत्रम् Panchdevatastotram

Panchdevatastotram पंचदेवतास्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो हिंदू धर्म के पांच प्रमुख देवताओं की महिमा का वर्णन करता है। ये पांच देवता हैं: ब्रह्मा – सृष्टि के रचयिता विष्णु – पालनहार शिव – संहारक गणेश – विघ्नहर्ता सरस्वती – ज्ञान…

पाशुपतास्त्रस्तोत्रं Pashupatastrastotram

Pashupatastrastotram पशुपतास्त्रस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के पशुपतास्त्र रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में 12 पद हैं। प्रत्येक पद में, स्तोत्रकार भगवान शिव के पशुपतास्त्र रूप…

बाणप्रार्थित गाणपत्यत्वप्राप्तिवर्णनम् Baanprarthit gaanpatyatvapraptivarannam

Baanprarthit gaanpatyatvapraptivarannam बाणप्रार्थित गणपत्यत्वप्राप्ति वर्णनं श्लोक 1 एक समय, भगवान शिव और पार्वती पार्वती के पिता राजा दक्ष के यज्ञ में उपस्थित हुए थे। दक्ष भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे और उन्होंने उन्हें यज्ञ में निम्न स्थान दिया…

ब्रह्मकृतं शिवस्तोत्रम् Brahmakritam Shivastotram

Brahmakritam Shivastotram ब्रह्मकृता शिवस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ब्रह्मा द्वारा रचित है। स्तोत्र के 12 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 12 पद हैं। प्रत्येक पद में, ब्रह्मा भगवान शिव…

ब्रह्माद्याकृता शिवस्तुतिरेवं शिवप्रोक्तं पुष्करेश्वरमहिमवर्णनम् Brahmadyakrita Shivastutirevan Shivaproktam Pushkareshwarmahimavarnanam

Brahmadyakrita Shivastutirevan Shivaproktam Pushkareshwarmahimavarnanam ब्रह्माद्याकृता शिवस्तुतिरेवान शिवप्रोक्ताम् पुष्करेश्वरमहिमावर्णनं ब्रह्माद्याकृता शिवस्तुति श्लोक 1 ब्रह्मा बोले, “हे शिव, तुम ही सृष्टि के रचयिता हो। तुम ही संहारक हो और तुम ही पालनहार हो। तुम ही सर्वशक्तिमान हो और तुम ही सर्वज्ञ हो।”…

मुनिभिः कृतं रुद्रस्तोत्रम् Munibhih Kritam Rudrastotram

Munibhih Kritam Rudrastotram मुनिभिः कृतं रुद्रस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के रुद्र रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ऋषियों और मुनियों द्वारा रचित है। स्तोत्र के 12 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में 12 पद…