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KARMASU

श्रीमदानन्दरामायणे Srimadanandaramayane

श्रीमद आनंद रामायण अर्थ: श्री रामायण का एक आनंदमय संस्करण शाब्दिक अर्थ: श्री – भगवान मद – आनंद आनंद – आनंद रामायण – राम की कथा अनुवाद: श्री रामायण का एक आनंदमय संस्करण, जो भगवान राम की महिमा का वर्णन…

श्रीमङ्गलश्लोकरामायणम् Srimangalaslokaramayanam

श्रीमंगलस्लोकरामायणम् अर्थ: हे भगवान राम, तुम मंगलमय हो। तुम्हारी कथा मंगलमय है। तुम्हारा नाम मंगलमय है। शाब्दिक अर्थ: श्री – भगवान मंगल – शुभ, कल्याणकारी स्लोक – छंद रामायण – राम की कथा अनुवाद: हे भगवान राम, तुम मंगलमय हो।…

श्रीतारावलिः Sritaravali:

श्रीतरावली अर्थ: हे भगवान राम, तुम मेरे स्वामी हो। तुम मेरे लिए सब कुछ हो। मैं तुम्हारा दास हूं, और मैं तुम्हारी सेवा करने के लिए तैयार हूं। शाब्दिक अर्थ: श्री – भगवान तरावली – एक प्रकार की मालाएं जो…

श्रीअवधमहिमा Shri avadhamhima

श्री अवध महिमा अर्थ: हे भगवान राम, तुम अवध के महिमामय राजा हो। तुम सभी भक्तों के लिए प्रिय हो। तुम दयालु और करुणामय हो, और तुम सभी को मुक्ति प्रदान करते हो। शाब्दिक अर्थ: श्री – भगवान अवध –…

श्री अयोध्या पञ्चकम् Shri Ayodhya Panchakam

श्री अयोध्या पंचकम् अर्थ: हे भगवान राम, तुम अयोध्या के राजा हो, तुम सभी भक्तों के लिए प्रिय हो। तुम दयालु और करुणामय हो, और तुम सभी को मुक्ति प्रदान करते हो। शाब्दिक अर्थ: श्री – भगवान अयोध्या – अयोध्या…

वेदान्तपररामायणं Vedantapararamayanam

वेदांतपर रामायण अर्थ: वेदांत पर आधारित रामायण शाब्दिक अर्थ: वेदांत – वेदों का अंतिम ज्ञान पर – उच्च, महान रामायण – राम की कथा अनुवाद: वेदांत पर आधारित रामायण, जो राम की कथा को वेदांत के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती…

लघु राघवेन्द्रस्तोत्र Laghu Raghavendrastotra

लघु राघवेंद्रस्तोत्र श्रीमद् राघवेंद्राय सत्यधर्मरताय च । भजतां कल्पवृक्षाय नमतां कामधेनवे ॥ १॥ अर्थ: हे श्री राघवेंद्र, आप सत्य और धर्म के प्रति दृढ़ हैं। आप भक्तों के लिए कल्पवृक्ष हैं, और आप कामधेनु हैं। हम आपके चरणों में नमस्कार…

रामाष्टकम् ५ Ramashtakam 5

श्रीरामष्टकम् श्लोक 5 रामो राजमणि राजाधिराजो नमो नमस्ते, सर्वेश्वरो धन्यः सर्वलोकेश्वरो नमो नमस्ते। अर्थ: हे राम, तुम राजाधिराज हो, तुम सभी राजाओं के राजा हो। तुम सर्वेश्वर हो, तुम सभी लोकों के स्वामी हो। मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं। शाब्दिक…

राघवाष्टकम् Raghavashtakam

राघवाष्टकम् अर्थ: हे राम, तुम्हें नमस्कार। तुम करुणा के सागर हो, तुम मुनिजनों द्वारा पूजित हो, तुम देवताओं द्वारा वंदित हो। तुम सीता के प्रिय हो, तुम हनुमान के मित्र हो, और तुम राक्षसों के लिए भयंकर हो। मैं तुम्हारे…

भद्राचलराममङ्गलम् Bhadrachalramangalam

भद्रचलराम मंगलम् अर्थ: भद्रचलराम में निवास करने वाले भगवान राम की जय हो। शाब्दिक अर्थ: भद्रचलराम – भद्रचल पर्वत पर स्थित राम मंदिर मंगलम् – मंगल, शुभता अनुवाद: भद्रचल पर्वत पर स्थित राम मंदिर में निवास करने वाले भगवान राम…

भद्रगिरिपति संस्तुतिः Bhadragiripati sanstutih

भद्रगिरिपति स्तुति जय श्री भद्रगिरिनाथ, तुम हो भवानीनाथ, तुम हो शंकर के अवतार, तुम हो भक्तों के आधार। तुमने रचा है यह जग, तुम ही हो इसके पालनहार, तुम ही हो इसके रक्षक, तुम ही हो इसके प्रकाश। तुम हो…

ब्रह्माकृतं श्रीसीतानवकस्तोत्रम् Brahmakritam Srisitanvakastotram

ब्रह्मकृतं श्रीस्तनवकास्तोत्रम् अथ श्रीस्तनवकास्तोत्रम् ऋषिः: ब्रह्मा देवताः: श्रीस्तनवकाः छन्दः: अनुष्टुप श्लोक १ अयोध्यापुरीवासिन: श्रीस्तनवका: प्रभो, स्तवनं करिष्यामहे त्वां नमस्तेऽस्तु शम्भो। अर्थ: हे भगवान, अयोध्यापुरी में रहने वाले श्रीस्तनवका, हम आपकी स्तुति करते हैं। आपको नमस्कार है, हे शंकर। श्लोक २…