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KARMASU

अभीष्टसूचनम् Abheeshtasoochanam

अब्हींष्टसूचनाम एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “अप्रत्याशित सूचना”। यह एक ऐसी सूचना है जिसकी किसी को उम्मीद नहीं होती है, और जो अक्सर अच्छी या बुरी हो सकती है। अब्हींष्टसूचनाम शब्द का उपयोग अक्सर अप्रत्याशित समाचार या घटनाओं…

उत्कण्ठादशकम् Utkantha Dashakam

उत्कण्ठादशकम् एक संस्कृत श्लोक है जिसे राधा-कृष्ण भक्ति में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे राधा के भक्तों द्वारा अक्सर गाया और पढ़ा जाता है। यह श्लोक 10 भक्तों की तीव्र आकांक्षाओं को व्यक्त करता है कि वे राधा की…

नवाष्टकम् (रघुनाथदासगोस्वामिविरचितम्) Navashtakam (Raghunathdasgoswamivirachitam)

नवाष्टकम् एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “नौ श्लोक”। यह एक स्तोत्र है जो भगवान राम की महिमा का वर्णन करता है। यह श्री राघवेंद्रस्वामी द्वारा रचित है, जो एक मध्वाचार्य संत थे। नवाष्टकम् संस्कृत के सबसे लोकप्रिय स्तोत्रों…

प्रेमाम्भोजमरन्दस्तवराजः Premambhojamarandastavarajah

प्रेममभोजामारंदस्तवारजाह एक तमिल भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है “प्रेम की शुरुआत”। यह एक प्रेमी और प्रेमिका के बीच प्रेम की शुरुआत को दर्शाता है। यह एक बहुत ही रोमांटिक शब्द है और इसका इस्तेमाल अक्सर प्रेम कविताओं और…

राधायाः परिहारस्तोत्रम् Radhaya: Pariharastotram

राधा स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो राधा जी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की पत्नी और उनके प्रेम की देवी राधा जी की महिमा का वर्णन करता है। राधा स्तोत्र के कई संस्करण हैं, लेकिन सभी…

राधास्तोत्रम् Radha Stotram

राधा स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो राधा जी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की पत्नी और उनके प्रेम की देवी राधा जी की महिमा का वर्णन करता है। राधा स्तोत्र के कई संस्करण हैं, लेकिन सभी…

श्री निम्बादित्यप्रकाशितः Shri Nimbaditya published:

श्री निम्बादित्य ने कई ग्रंथों की रचना की, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: श्रीमदभागवतम् का भाष्य पंचरात्र तंत्र का भाष्य गोपीगीतकल्याणम श्रीकृष्णाष्टकम् श्रीकृष्णलीलामृतम् श्रीकृष्णरहस्यामृतम् श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् इन ग्रंथों में, श्री निम्बादित्य ने भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन किया है। उन्होंने भगवान कृष्ण…

श्रीऊर्ध्वपुण्ड्राणां Sriurdhvapundraanam

श्रीउर्ध्वपूंडारणम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के उर्ध्वपुंड्र की स्तुति करता है। उर्ध्वपुंड्र भगवान कृष्ण के माथे पर एक लाल तिलक है। यह तिलक भगवान कृष्ण के सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी होने का प्रतीक है। श्रीउर्ध्वपूंडारणम का पाठ करने…

श्रीनवयुवद्वन्द्वदिदृक्षाष्टकम् Shrinavyuvadvandvadidrikshastakam

श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के नौ रूपों की स्तुति करता है। ये रूप भगवान कृष्ण के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि उनकी शक्ति, बुद्धि, दया और प्रेम। श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् का पाठ करने से भगवान…

श्रीयुगलकिशोराष्टकम् Sriyugalkishoreashtakam

श्रीयुगलकीशोरष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा के बाल रूपों की आठ विशेषताओं का वर्णन करता है। यह स्तोत्र श्रीवल्लभाचार्य द्वारा रचित है, जो भगवान कृष्ण के परम भक्त और संत थे। श्रीयुगलकीशोरष्टकम् का पाठ…

श्रीयुगलाष्टकम् Sriyugalashtakam

श्रीयुगलष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा की आठ विशेषताओं का वर्णन करता है। यह स्तोत्र श्रीवल्लभाचार्य द्वारा रचित है, जो भगवान कृष्ण के परम भक्त और संत थे। श्रीयुगलष्टकम् का पाठ करने से भगवान…

श्रीराधाकवचम् Shri Radha Kavach

श्री राधा कवच एक संस्कृत मंत्र है जो भगवान कृष्ण की पत्नी राधा की रक्षा के लिए है। यह मंत्र श्रीकृष्ण के परम भक्त और संत श्रीवल्लभाचार्य द्वारा रचित है। यह मंत्र 100 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में…