अंबा वंदन एक प्रकार की भक्ति है जिसमें देवी पार्वती की स्तुति की जाती है। यह भक्ति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण विषय है, और इसे विभिन्न रूपों में प्रचलित किया जाता है, जिसमें भजन, कविता, नृत्य और संगीत शामिल…
राधाकृष्णस्तुति एक प्रकार की भक्ति है जिसमें भगवान कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा की स्तुति की जाती है। यह भक्ति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण विषय है, और इसे विभिन्न रूपों में प्रचलित किया जाता है, जिसमें भजन, कविता, नृत्य…
अभिष्टप्रार्थनाष्टकम् एक संस्कृत भजन है जो भगवान कृष्ण से अभिष्ट सिद्धि की कामना करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था। अभिष्टप्रार्थनाष्टकम् के आठ श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण…
आनंदचंद्रिकास्तोत्रम् एक संस्कृत भजन है जो वृंदावन की रानी श्री राधा की स्तुति करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि रूप गोस्वामी द्वारा लिखा गया था। आनंदचंद्रिकास्तोत्रम् के दस श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में श्री…
देवीपूजाविधि देवीपूजा के लिए आवश्यक सभी क्रियाओं और अनुष्ठानों का संग्रह है। यह एक धार्मिक ग्रंथ है जो देवी की पूजा करने के लिए आवश्यक सभी जानकारी प्रदान करता है। देवीपूजाविधि में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा के लिए…
नवाशतकम एक संस्कृत भजन है जो भगवान कृष्ण के नौ रूपों की महिमा का वर्णन करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था। नवाशतकम के नौ श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में…
नामयुगलाशतकम एक संस्कृत भजन है जो भगवान कृष्ण और राधा के नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था। नामयुगलाशतकम के दस श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक…
श्री राधा प्रार्थना चतुश्लोकी कृपयति यदि राधा बाधिता शेष बाधा किम परम विशिष्टं पुष्टिमर्यादयोर्मे। यदि वदति च किंञ्चित स्मेर हासोऽदित श्री द्विज वर मणि पंक्त्या भुक्ति शुक्त्या तदा किम्। अर्थ: यदि श्री राधा प्रसन्न हों, तो अन्य सभी बाधाएं मिट…
राधविनोदविहारितत्वाष्टकम एक संस्कृत भजन है जो राधा और कृष्ण के प्रेम और भक्ति को दर्शाता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था। राधविनोदविहारितत्वाष्टकम के आठ श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में राधा…
राधाष्टकम 3 एक संस्कृत भजन है जो राधा के रूप और गुणों का वर्णन करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था। राधाष्टकम 3 के आठ श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में…
राधोपनिषद् में, राधनमणि को राधा के प्रेम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह एक आध्यात्मिक शक्ति है जो राधा और कृष्ण के मिलन का कारण बनती है। राधोपनिषद् के अनुसार, राधनमणि एक अदृश्य रत्न है जो राधा के…
श्रीमदराधाशतकम 2 एक संस्कृत भजन है जो राधा के रूप और गुणों का वर्णन करता है। यह भजन 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि वल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया था। श्रीमदराधाशतकम 2 के दस श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक में…