दामोदर अष्टकम (Damodarastakam)

Damodarastakam:दामोदर अष्टकम: श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मधुर वर्णन Damodarastakam:दामोदर अष्टकम भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का एक अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण स्तुति है। यह अष्टकम कार्तिक मास में विशेष रूप से गाया जाता है और इसे सत्यव्रत मुनि द्वारा…

श्री विश्वकर्मा 108 नाम (Vishwakarma 108 Naam)

श्री विश्वकर्मा के 108 नाम: एक पवित्र मंत्र श्री विश्वकर्मा, हिंदू धर्म में कर्मकारों और शिल्पकारों के देवता हैं। वे सभी प्रकार के निर्माण कार्य के देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि उनके 108 नामों का जाप करने से…

गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि (Gananaykay Gandevatay Ganadhyakshay Dheemahi)

अर्थ: यह संस्कृत मंत्र भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें बाधाओं को दूर करने वाले हिंदू देवता के रूप में जाना जाता है। यहाँ शब्दों का विवरण दिया गया है: समग्र अर्थ: मंत्र का अर्थ है, “हम भगवान गणेश, गणों…

दीपावली पूजा मंत्र (Deepawali Puja Mantras)

Deepawali Puja Mantras 1. गोवत्स द्वादशी मंत्र Deepawali Puja Mantras :अर्घ्य मंत्रक्षीरोदार्नवसंभूते सुरासुरनमस्कृते।सर्वदेवमये मातर्गृहाण्घ्यं नमो नमः॥ निवेदन मंत्रगोवत्स द्वादशी निवेदन मंत्र सुरभि त्वं जगन्मातरदेवी विष्णुपदे स्थिता।सर्वदेवमये ग्रसं मया दत्तमिदं ग्रसा॥ प्रार्थना मंत्रसर्वदेवमये देवि सर्वदेवैरलंकृते।मातरमाभिलाषितं सफलं कुरु नंदिनी॥ Deepawali Puja Mantra मन्त्र…

श्री दीनबंधु अष्टकम (Shri Dinabandhu Ashtakam)

Shri Dinabandhu Ashtakam Shri Dinabandhu Ashtakam:श्री दीनबंधु अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है। ॥ श्री दीनबन्ध्वष्टकम् ॥यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यंयस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले।यत्रोपयाति विलयं च समस्तमन्तेदृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥1॥ चक्रं सहस्रकरचारु करारविन्देगुर्वी गदा दरवरश्च विभाति यस्य।पक्षीन्द्रपृष्ठपरिरोपितपादपद्मो।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स…

राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र (Radha Kriya Kataksh Stotram)

मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणिप्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनिव्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगतेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥ अशोक–वृक्ष–वल्लरी वितान–मण्डप–स्थितेप्रवालबाल–पल्लव प्रभारुणांघ्रि–कोमले ।वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालयेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥२॥ अनङ्ग-रण्ग मङ्गल-प्रसङ्ग-भङ्गुर-भ्रुवांसविभ्रमं ससम्भ्रमं दृगन्त–बाणपातनैः ।निरन्तरं वशीकृतप्रतीतनन्दनन्दनेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥३॥ तडित्–सुवर्ण–चम्पक –प्रदीप्त–गौर–विग्रहेमुख–प्रभा–परास्त–कोटि–शारदेन्दुमण्डले ।विचित्र-चित्र सञ्चरच्चकोर-शाव-लोचनेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥४॥ राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र मदोन्मदाति–यौवने…

Shiv mantra:सावन महीने में रोजाना करें इन मंत्रों का जाप, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति ?

सावन महीने में मंत्र जाप: कष्टों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना और मंत्र जाप के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में किए गए मंत्र जाप का फल…

जीवन में परेशानियों से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप: MANTRA FOR HAPPY LIFE

जीवन में परेशानियों से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप : विस्तृत जानकारी जीवन में परेशानियां तो आती ही रहती हैं। इन परेशानियों से निपटने और मन को शांत रखने में मंत्रों का जाप सहायक हो सकता है। कुछ मंत्र…

शुक्रवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, नहीं होगी धन की कमी

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। इन्हीं की कृपा से व्यक्ति को जीवन में धन-धान्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिन लोगों के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं…

एक ऐसा कवच-जिसके पढने से मिलता है एक हज़ार गाय दान करने का फल

आज मैं आपको एक ऐसे कवच के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसका महत्ता का वर्णन स्वयं भगवान् श्री नारायण ने किया है। इसका नाम है श्री गायत्री कवच। श्री गायत्री कवच एक महान कवच है जो स्वयं नारद…

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि (Mahishasura Mardini Stotram – Aigiri Nandini)

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरतेदनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब…

दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र (Durga Saptashati Siddha Samput Mantra)

सामूहिक कल्याण के लिये मंत्र –देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्यानिश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्‍‌र्या ।तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यांभक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥ विश्‍व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिये मंत्र –यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तोब्रह्मा हरश्‍च न हि वक्तुमलं बलं च ।सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनायनाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु…