महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुछ उपदेश दिए, जिसके बाद अर्जुन ने युद्ध शुरू की और कौरवों को पराजित कर दिया. महाभारत के युद्ध को बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है. महाभारत के दौरान भगवान…
भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के रणभूमि में अर्जुन के मन में धर्म और युद्ध के बीच चल रहे ध्वन्ध को गीता के उपदेश के माध्यम से समझाया था। उन्हीं उपदेशों को समझने से वर्तमान के समय में भी व्यक्ति…
हमारी नींद में सपने क्यों आते हैं? सपनों के आने का वास्तविक कारण क्या है़ ? क्या उन सपनों का हमारे पूर्व जन्म या वर्तमान जन्म से कोई जुड़ाव होता है? नींद में दिखने वाले स्वप्न कितने सच होते हैं…
महारास प्रसंग के समय रास पंचाध्यायी के प्रथम श्लोक में श्री शुकदेव जी कहते हैं- “योगमायामुपाश्रिता” अर्थात योगमाया का ही आश्रय ग्रहण कर भगवान श्रीकृष्ण ने महारास की इच्छा की. देश-दुनिया में आज धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया…
महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसमें कई छोटी-बड़ी शिक्षाप्रद घटनाओं का जिक्र है। द्रौपदी चीरहरण भी महाभारत की ऐसी ही घटना है। द्रौपदी पांचाल देश की राजकुमारी थी और उसका विवाह अर्जुन से हुआ था। अर्जुन ने द्रौपदी के स्वयंवर में…
आपने अक्सर साधु-संत और ऋषि मुनि के पैरों में लकड़ी के खड़ाऊ पहने देखा होगा इनका चलन कई लाखो साल पहले से चला आ रहा है। आज भी कई साधू संत इन्हे ही इस्तेमाल करते है लेकिन अब इनका प्रचलन…
हिंदू धर्म की महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. यह त्यौहार ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन पड़ता है. इस बार यह त्यौहार 30 मई को मनाया जाएगा. इस दिन…
इस पर्व का प्राचीनतम नाम वासन्ती नव सस्येष्टि है अर्थात् बसन्त ऋतु के नये अनाजों से किया हुआ यज्ञ, परन्तु होली होलक का अपभ्रंश है। यथा–तृणाग्निं भ्रष्टार्थ पक्वशमी धान्य होलक: (शब्द कल्पद्रुम कोष) अर्धपक्वशमी धान्यैस्तृण भ्रष्टैश्च होलक: होलकोऽल्पानिलो मेद: कफ…
वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। … वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा…
आप किस को खुश करना चाहते हो ईश्वर को यदि आप अपने माता पिता को ही नहीं खुश कर सकते हो तो ईश्वर भला आपसे क्यों खुश होंगे क्योंकि जितने भी हमारे वेद हैं पुराण हैं गीता है वह भी…
भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है-स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना। जुडऩे की प्रवृत्ति ही भक्ति है। दुनियादारी के रिश्तों में जुट जाना भक्ति नहीं है। भक्ति का मतलब है पूर्ण समर्पण। सरल…
“वेदो में बताया है, कि मन की शक्ति अपार है। लोग उस से लाभ लेना नहीं जानते।” आपने बहुत से वीडियोस में देखा होगा, कि “उस विकलांग व्यक्ति के हाथ नहीं हैं, अथवा पांव नहीं हैं, अथवा आंखें नहीं हैं,…