||अदभुत रहस्य:- जब मृत्यु की भी हुई मृत्यु ||

गोदावरी के पावन तट पे “श्वेत” नामक एक ब्राह्मण रहते थे । जो शिव जी के अनन्य भक्त थे,सदा शिव भक्ती में लीन रहते थे। उनकी आयु पूरी हो चुकी थी । यमदूत उन्हें समय से लेने आये , लेकिन…

कर्ण में सूर्य देव के साथ दम्बोद्भव असुर का भी था अंश, जानिए एक अदभुत पौराणिक रहस्य

त्रेता युग में दो कहानियों के तार कर्ण से आ कर जुड़ते हैं । एक असुर था – दम्बोद्भव (Dambodhav) । उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की । सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट हुए और वरदान मांगने को…

ब्रह्मा जी के कहने पर महर्षि वाल्मीकि ने लिखी रामायण, जानिए महर्षि वाल्मीकि से जुडी कुछ रोचक बातें

वाल्मीकि को प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों कि श्रेणी में प्रमुख स्थान प्राप्त है। पुराणों के अनुसार, इन्होंने कठोर तपस्या कर महर्षि का पद प्राप्त किया था। परमपिता ब्रह्मा के कहने पर इन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित…

श्रीगणेश गीता जब श्रीगणेश ने दिया राजा वरेण्य को गीता का ज्ञान

भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में गीता उपदेश दिया था, यह बात तो सब जानते हैं लेकिन विघ्न विनाशक गणपति ने भी गीता का उपदेश दिया था, ये कम लोगों को पता है। श्रीकृष्ण गीता और गणेश गीता में…

गरुड़जी के सात प्रश्न तथा काकभुशुण्डि के उत्तर

चौपाई : * पुनि सप्रेम बोलेउ खगराऊ। जौं कृपाल मोहि ऊपर भाऊ॥।नाथ मोहि निज सेवक जानी। सप्त प्रस्न मम कहहु बखानी॥1॥ भावार्थ:-पक्षीराज गरुड़जी फिर प्रेम सहित बोले- हे कृपालु! यदि मुझ पर आपका प्रेम है, तो हे नाथ! मुझे अपना…

कैसे हुआ बालि और सुग्रीव का जन्म तथा कैसे पड़ा ऋष्यमूक पर्वत का नाम

आज इस लेख में हम आपको दो पौराणिक घटनाओं के बारे में बताएंगे- बालि और सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ? ऋष्यमूक पर्वत का नाम कैसे पड़ा? 1. ऋष्यमूक पर्वत का नाम कैसे पड़ा?- ऋष्यमूक पर्वत श्रेणियों के अन्तर्गत एक पर्वत…

महामाया परमेश्वरी के सोलह श्रंगारों का धरती पे अवतरण तथा मिथ्यादेवी का कलियुग में शासन

श्रृष्टि के प्रथम कल्प में एकबार मिथ्या देवी अपने पती अधर्म और भाई कपट के साथ मिलकर भूलोक में घर-घर अत्याचार फैला दिया। लोभ ने अपनी दोनों पत्नियों क्षुधा और पिपाशा के साथ मनुष्यों का जीना मुश्किल कर दिया। लोग…

कैसे हुई क्षीर सरोवर की उत्पत्ति

एक समय की बात है। गोपांगनाओं से घिरे भगवान श्री कृष्ण पुष्प वृन्दावन में विहार कर रहे थे। सहसा प्रभु के मन में दूध पीने की इच्छा जाग उठी। तब भगवान ने अपने वामपार्श्व से लीलापूर्वक सुरभी गौ को प्रकट…

लक्ष्मी, सरस्वती और गंगा का परस्पर श्राप देना

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु की तीन पत्नियाँ- लक्ष्मी, गंगा और सरस्वती थीं। एक बार विष्णुजी ने गंगा के प्रति विशेष अनुराग और लगाव दिखाया जिसके फलस्वरूप सरस्वती के मन में ईर्ष्या भाव उत्पन्न हो गया। सरस्वती, तीनों पत्नियों…

कहानी राजा पृथु की -अपने पिता वेन की दाहिनी भुजा के मंथन से पैदा हुए थे पृथु

ध्रुव के वनगमन के पश्चात उनके पुत्र उत्कल को राजसिंहासन पर बैठाया गया, लेकिन वे ज्ञानी एवम विरक्त पुरुष थे, अतः प्रजा ने उन्हें मूढ़ एवं पागल समझकर राजगद्दी से हटा दिया और उनके छोटे भाई भ्रमिपुत्र वत्सर को राजगद्दी…

कहानी महर्षि दधीचि की- देवताओं की प्राण रक्षा के लिए किया था अपनी अस्थियों का दान

एक बार देवराज इंद्र के मन में अभिमान पैदा हो गया जिसके फलस्वरूप उसने देवगुरु बृहस्पति का अपमान कर दिया। उसके आचरण से क्षुब्ध होकर देवगुरु इंद्रपुरी छोड़कर अपने आश्रम में चले गए। बाद में जब इंद्र को अपनी भूल…

केवल लक्ष्मण ही कर सकते थे मेघनाद(इंद्रजीत) का वध, पर क्यों? जानिए रामायण का एक अनजान सत्य

हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी। लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया भगवान श्रीराम…