आज की पौराणिक कथा का सार है कि आखिर पाप कहां-कहां जाता है। इसी संदर्भ में एक बार एक ऋषि ने सोचा की लोग पाप धोने के लिए सभी लोग गंगा जाते हैं। ऐसे में सारे पार गंगा में ही…
कबीर पुत्र कमाल की एक कथा हैं। एक बार राम नाम के प्रभाव से कमाल द्वारा एक कोढ़ी का कोढ़ दूर हो गया। कमाल समझने लगे कि रामनाम की महिमा मैं जान गया हूँ। कमाल के इस कार्य से किंतु कबीर…
भीम और युधिष्ठिर | महाभारत के प्रमुख पात्र भीम, अर्जुन, नकुल व सहदेव अपने बड़े भाई युधिष्ठिर का बहुत आदर करते थे। युधिष्ठिर जो आज्ञा देते, उनके भाई उसे किसी भी तरह पूरी करते थे। महाभारत में सभा पर्व में एक…
राजा जनक के शासनकाल में एक व्यक्ति का विवाह हुआ। जब वह पहली बार सज-सँवरकर ससुराल के लिए चला, तो रास्ते में चलते-चलते एक जगह उसको दलदल मिला, जिसमें एक गाय फँसी हुई थी, जो लगभग मरने के कगार पर…
महाभारत युद्ध में भीम ने दुर्योधन के छोटे भाई दु:शासन का वध किया था। इसके बाद भीम ने छाती फाड़कर उसका खून भी पीया था। ये बात तो सभी जानते हैं, लेकिन इस घटना से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी…
एक बार पांडवों के पास नारद मुनि आए और उन्होंने युधिष्ठर से कहा की स्वर्ग में आपके पिता पांडु दुखी हैं। कारण पूछने पर उन्होंने कहा की पांडु अपने जीते जी राजसूय यज्ञ करना चाहते थे जो न कर सके…
भगवान श्रीकृष्ण के महान भक्तों में नरसी मेहता का नाम जरूर लिया जाता है। उनकी भक्ति के साथ ही दानी स्वभाव के कारण भी वे बहुत प्रसिद्ध हैं। नरसीजी ने भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना सबकुछ दान कर दिया…
वाल्मीकि रामायण के अनुसार लंका पर चढ़ाई करते समय भगवान श्रीराम के कहने पर वानरों और भालुओं ने रामसेतु का निर्माण किया था, ये बात हम सभी जानते हैं। लेकिन जब श्रीराम विभीषण से मिलने दोबारा लंका गए, तब उन्होंने…
ज्योतिष शास्त्रानुसार शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। शनिदेव को एक राशि को पार करने में लगभग ढा़ई वर्ष का समय लगता है। पौराणिक शास्त्रानुसार शनिदेव लंगड़ाकर चलते हैं जिस कारण उनकी चलने की गति धीमी है।आखिर…
महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत में अनेक ऐसे पात्र हैं, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही पात्र जयद्रथ के बारे में बता रहे हैं। जयद्रथ की मृत्यु अर्जुन के हाथों हुई थी।…
वैशाख मास की पूर्णिमा पर कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म (कछुए) का अवतार लिया था तथा समुद्र मंथन में सहायता की थी। भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को…
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह चतुर्दशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। इस दिन भगवान नृसिंह को प्रसन्न करने…