आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है. आज मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही विकराल और डरावना है. उनका वर्ण काला है. वह शत्रुओं में भय पैदा कर देने…
कृष्ण की कहानी ईसापूर्व छठी शताब्दी में एक जनजाति विशेष के नायक के तौर पर शुरू होती है और ईसवी की पांचवीं सदी आते-आते विष्णु के अवतार के रूप में पूरी हो जाती हैहिंदू धर्मग्रंथों में जितने भी देवी-देवताओं का…
भैरवी साधना एक तीव्र प्रक्रिया है, जिससे लिंग भैरवी देवी की कृपा पाने के लिये जरूरी ग्रहणशीलता बढ़ती है। स्त्री, पुरुष, दोनों ही इसे कर सकते हैं। यहां इस साधना का महत्व बताते हुए, सदगुरु इस साधना से मिलने वाले…
श्री कृष्ण लीला अध्यात्म की सबसे प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। कृष्ण को लोग बिलकुल अलग अलग रूपों में देखते थे। आइये पढ़ते हैं कृष्ण की कहानियाँ और जानते हैं कि दुर्योधन, शकुनी और शिखंडी जैसे लोग उनके बारे…
महाशिवपुराण जैसे अनेक ग्रंथ जहाँ हमें शिव सागर की गहराइयों में ले जाते हैं। वहीं भगवान शिव के अनगिनत रहस्यों से परिचित कराते है़। आज भगवान शिव के रहस्यों से आपको हम परिचित करायेंगे। पशुपति नाथ की अदभुत लीला को…
हमारे पौराणिक ग्रंथों को रचते समय विद्वान लेखकों ने ऐसे-ऐसे हैरतअंगेज रहस्यों का उल्लेख किया है़ कि जिसको जानने के बाद हर कोई आश्चर्य में पड़ जाता है़। तब सभी के मन में कौतूहल जन्म ले लेता है़ और हृदय…
हनुमान जी की कथा-हनुमान वानरराज केसरी और अप्रतिम सुंदरी अंजना को शिव की कृपा से पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम अंजनेय था। अंजना को अपने पुत्र को छोड़कर वापस स्वर्ग जाना था। अंजनेय दुःखी थे। उन्होंने अपनी माँ से…
भगवान शिव की कहानी-स्वयंभू और उनकी तीसरी आँख हिन्दू धर्म में तीन प्रमुख देव हैं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश, जो त्रिदेव के नाम से जाने जाते हैं। इन त्रिदेवों में ब्रह्मा सृष्टि की रचना करते हैं, विष्णु पालन करते हैं…
गंगा नदी के धरती पर अवतरण, उनके अस्तित्व और शिव जी के संबंध में कई कथाएँ हैं। उनमें से प्रसिद्ध कथा यह बताती है कि गंगा नदी का उद्गम देवी पार्वती के पसीने से हुआ था। पिछली कथा में हमने…
साथ ही मां सिद्धिदात्री की कृपा से महादेव का आधा शरीर देवी की हो गई थी और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। नवरात्र के नौवें दिन इनकी पूजा के बाद ही नवरात्र का समापन माना जाता है। नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा करने…
महागौरी की कथामाता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनको गंगा में स्नान करने के लिए कहा। जिस समय माता पार्वती गंगा में स्नान करने गईं, तब देवी का एक स्वरूप श्याम वर्ण के साथ प्रकट हुईं, जो कौशिकी…
इसे सुनेंभगवान शिव ने माता से अनुरोध किया। इसके बाद मां पार्वती ने स्वंय शक्ति व तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया। इसके बाद जब मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का अंत किया और उसके शरीर से निकलने वाले…