पुरातन काल में दुर्गम नामक दैत्य हुआ। उसने भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न कर सभी वेदों को अपने वश में कर लिया जिससे देवताओं का बल क्षीण हो गया। तब दुर्गम ने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। तब…
आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की भक्ति भाव के साथ पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है।…
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरतेदनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब…
शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। दरअसल,अश्विनी शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज देर रात 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा।…
Navratri Ghat Sthapana 2021: नवरात्रि में घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के प्रथम दिन ही कलश स्थापना या घट स्थापना की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. साल भर में…
!! ध्यान !!सौवर्णासनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांषुकोल्लासिनीं, हेमाभांगरुचिं शषंकमुकुटां स्रक चम्पकस्त्रग्युताम्,हस्तैमुद्गर, पाषबद्धरसनां संविभृतीं भूषणैव्यप्तिांगी बगलामुखी त्रिजगतां संस्तम्भिनीं चिन्तये । ऊँ मध्ये सुधाब्धिमणिमण्डपरत्नवेदीं, सिंहासनोपरिगतां परिपीतवर्णाम्।पीताम्बराभरणमाल्यविभूषितांगी देवीं भजामि धृतमुदग्रवैरिजिव्हाम्।।1।। जिह्वाग्रमादाय करेण देवी, वामेन शत्रून परिपीडयन्तीम्।गदाभिघातेन च दक्षिणेन, पीताम्बराढयां द्विभुजां भजामि।। 2।। चलत्कनककुण्डलोल्लसित चारु गण्डस्थलां,…
दुर्गा दुर्गार्तिंशमनी दुर्गाऽऽपद्विनिवारिणी । दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी ॥ १॥ दुर्गतोद्धारिणी दुर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा । दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला ॥ २॥ दुर्गमादुर्गमालोका दुर्गमाऽऽत्मस्वरूपिणी । दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता ॥ ३॥ दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी । दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी ॥ ४॥ दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी । दुर्गमाङ्गी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी…