Aaj Ka Panchang
Aaj Ka Panchang 🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 18 सितम्बर 2024
⛅दिन – बुधवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – भाद्रपद
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – पूर्णिमा प्रातः 08:04 तक तत्पश्चात प्रतिपदा प्रातः 04:19 सितम्बर 19 तक, तत्पश्चात द्वितीया
⛅नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद प्रातः 11:00 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅योग – गंड रात्रि 11:29 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅राहु काल – दोपहर 12:33 से दोपहर 02:05 तक
⛅सूर्योदय – 06:27
Aaj Ka Panchang ⛅सूर्यास्त – 06:40
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:53 से 05:40 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 सितम्बर 19 से रात्रि 12:57 सितम्बर 19 तक
व्रत पर्व विवरण – संन्यासी चतुर्मास समाप्त, आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा का श्राद्ध
⛅विशेष – पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है व प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
Aaj Ka Panchang 🔹श्राद्धयोग्य तिथियाँ (भाग -२)🔹
🔹प्रतिपदा धन-सम्पत्ति के लिए होती है एवं श्राद्ध करनेवाले की प्राप्त वस्तु नष्ट नहीं होती ।
🔹द्वितिया को श्राद्ध करने वाला व्यक्ति राजा होता है ।
🔹उत्तम अर्थ की प्राप्ति के अभिलाषी को तृतिया विहित है। यही तृतिया शत्रुओं का नाश करने वाली और पाप नाशिनी है ।
🔹जो चतुर्थी को श्राद्ध करता है वह शत्रुओं का छिद्र देखता है अर्थात उसे शत्रुओं की समस्त कूटचालों का ज्ञान हो जाता है ।
🔹पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है ।
🔹जो षष्ठी तिथि को श्राद्धकर्म संपन्न करता है उसकी पूजा देवता लोग करते हैं ।
🔹जो सप्तमी को श्राद्धादि करता है उसको महान यज्ञों के पुण्यफल प्राप्त होते हैं और वह गणों का स्वामी होता है ।
🔹जो अष्टमी को श्राद्ध करता है वह सम्पूर्ण समृद्धियाँ प्राप्त करता है ।
🔹नवमी तिथि को श्राद्ध करने वाला प्रचुर ऐश्वर्य एवं मन के अनुसार अनुकूल चलने वाली स्त्री को प्राप्त करता है ।
🔹दशमी तिथि को श्राद्ध करने वाला मनुष्य ब्रह्मत्व की लक्ष्मी प्राप्त करता है ।
Aaj Ka Panchang🔹एकादशी का श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ दान है। वह समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त कराता है । उसके सम्पूर्ण पापकर्मों का विनाश हो जाता है तथा उसे निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।
🔹द्वादशी तिथि के श्राद्ध से राष्ट्र का कल्याण तथा प्रचुर अन्न की प्राप्ति कही गयी है ।
🔹त्रयोदशी के श्राद्ध से संतति, बुद्धि, धारणाशक्ति, स्वतंत्रता, उत्तम पुष्टि, दीर्घायु तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।
🔹चतुर्दशी का श्राद्ध जवान मृतकों के लिए किया जाता है तथा जो हथियारों द्वारा मारे गये हों उनके लिए भी चतुर्दशी को श्राद्ध करना चाहिए ।
🔹अमावस्या का श्राद्ध समस्त विषम उत्पन्न होने वालों के लिए अर्थात तीन कन्याओं के बाद पुत्र या तीन पुत्रों के बाद कन्याएँ हों उनके लिए होता ह । जुड़वे उत्पन्न होने वालों के लिए भी इसी दिन श्राद्ध करना चाहिए ।
🔹सधवा अथवा विधवा स्त्रियों का श्राद्ध आश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र के मुताबिक भाद्रपद) कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के दिन किया जाता है ।
🔹बच्चों का श्राद्ध कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है ।
🔹दुर्घटना में अथवा युद्ध में घायल होकर मरने वालों का श्राद्ध कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है ।
🔹जो इस प्रकार श्राद्धादि कर्म संपन्न करते हैं वे समस्त मनोरथों को प्राप्त करते हैं और अनंत काल तक स्वर्ग का उपभोग करते हैं । मघा नक्षत्र पितरों को अभीष्ट सिद्धि देने वाला है । अतः उक्त नक्षत्र के दिनों में किया गया श्राद्ध अक्षय कहा गया है । पितृगण उसे सर्वदा अधिक पसंद करते हैं ।
🔹जो व्यक्ति अष्टकाओं में पितरों की पूजा आदि नहीं करते उनका यह जो इन अवसरों पर श्राद्धादि का दान करते हैं वे देवताओं के समीप अर्थात् स्वर्गलोक को जाते हैं और जो नहीं करते वे तिर्यक्(पक्षी आदि अधम) योनियों में जाते हैं ।
🔶 रात्रि के समय श्राद्धकर्म निषिद्ध है । (वायु पुराणः 78.3)
🌞🚩🚩 ” ll जय श्री राम ll ” 🚩🚩🌞
Aaj Ka Panchang English Me 18/09/2024
Aaj Ka Panchang ~ Today’s Hindu Calendar Till 04:19 am on September 19, thereafter Dwitiya ⛅Nakshatra – Purva Bhadrapada till 11:00 am thereafter Uttar Bhadrapada ⛅Yoga – Gand till 11:29 pm and then increase ⛅Rahu Kaal – 12:33 pm to 02:05 pm ⛅Sunrise – 06:27 ⛅sunset – 06:40
⛅Disha Shool – in the north direction
⛅Brahma Muhurta – from 04:53 to 05:40 in the morning
⛅Abhijit Muhurta – none
⛅Nishita Muhurta – from 12:10 am September 19 to 12:57 pm September 19
Vrat festival details – Sanyasi Chaturmas ends, Shraddha of Ashvin Krishna Paksha Pratipada
⛅Special – On the day of Purnima, sexual intercourse with a woman and eating and applying sesame oil is prohibited and on Pratipada do not eat Kushmanda (pumpkin, pumpkin) because it destroys wealth. (Brahma Vaivart Purana) , Brahma Khand: 27.29-34)
🔹 Dates suitable for Shraddha (Part 2)🔹
🔹 Pratipada is for wealth and property and the thing obtained by the person performing Shraddha does not get destroyed.
🔹The person who performs Shraadh on Dwitiya becomes a king.
🔹Tritiya is prescribed for the one who desires to attain the best wealth. This Tritiya is the destroyer of enemies and destroys sins.
🔹The one who performs Shraadh on Chaturthi sees the weakness of the enemies i.e. he gets the blessings of the king. One gets to know all the tricks of the enemies.
🔹One who performs Shraddha on Panchami Tithi attains the best Lakshmi.
🔹One who performs Shraddha on Shashthi Tithi is worshipped by the gods.
🔹One who performs Shraddha on Saptami Tithi is worshipped by great yagyas. One gets the fruits of his virtues and becomes the lord of the Ganas.
🔹One who performs Shraadh on Ashtami day gets complete prosperity.
🔹The one who performs Shradh on Navami Tithi gets abundant wealth and a woman who behaves according to his wishes.
🔹The person who performs Shradh on Dashami Tithi gets the Lakshmi of Brahmatva.
🔹Shradh on Ekadashi is the best donation. It gives the knowledge of all the Vedas. All his sins are destroyed and he gets continuous prosperity.
🔹The Shraddh of Dwadashi Tithi is said to be beneficial for the nation and to get abundant food grains.
🔹The Shraddh of Trayodashi is said to be beneficial for the progeny, intelligence, retention power, Freedom, good health, longevity and prosperity are attained.
🔹Shraadh on Chaturdashi is performed for young dead and for those who were killed by weapons, Shraadh should also be performed on Chaturdashi.
🔹The Shraddh of Amavasya is performed for all the odd born babies i.e. those who have a son after three daughters or daughters after three sons. Shraddh should also be performed on this day for those who have twins.
🔹Shraddh of married or widowed women is performed on Ashwin (Bhadrapada according to Gujarat-Maharashtra) is performed on the ninth day of Krishna Paksha.
🔹The Shraddh of children is performed on the Trayodashi date of Krishna Paksha.
🔹The Shraddh of those who died in an accident or after getting injured in a war is performed on the Chaturdashi date of Krishna Paksha. 🔹Those who perform Shraddha rituals in this manner achieve all their desires and enjoy heaven for eternity. Magha Nakshatra gives desired success to ancestors. Therefore, Shraddha performed on the days of the said Nakshatra is considered to be beneficial. It is said to be Akshay. The ancestors always like him more.
🔹Those who do not worship their ancestors in the Ashtakas, those who offer Shraddha etc. on these occasions go to the gods i.e. to heaven and those who do not do so go to Tiryak (birds etc.) They go into the vagina.
🔶 Shraddha rituals are prohibited at night. (Vayu Purana: 78.3)
🌞🚩🚩 ” ll Jai Shri Ram ll ” 🚩🚩🌞