हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सबसे पहले कोकिला व्रत ही किया था. इस व्रत के पुण्य प्रताप से माता सती और महादेव परिणय सूत्र में बंधे थे. धार्मिक मान्यता है कि Kokila Vrat 2024 कोकिला व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख-सौभाग्य और वंश में वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. यह पावन दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती को समर्पित है। जो व्यक्ति विधि-विधान के साथ ये व्रत रखता है भगवान उसके ऊपर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं।
Kokila Vrat Kab Hai 2024: हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि पर कोकिला व्रत किया जाता है. यह व्रत देवों के देव भगवान शिव और उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती को समर्पित माना गया है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है. कोकिला व्रत करने से अविवाहित महिलाओं को मनचाहा वर मिलता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, Kokila Vrat 2024 कोकिला व्रत के पुण्य प्रताप से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है. अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहती हैं तो ऐसे में इस साल कोकिला व्रत कब रखा जाएगा, यह पता होना आपके लिए जरूरी है. इस साल कोकिला व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
कब है कोकिला व्रत 2024? (Kokila Vrat 2024 date)
कोकिला व्रत इस साल 20 जुलाई, 2024 को रखा जाएगा।आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को सुबह 5:59 बजे शुरू होगी और 21 जुलाई को सुबह 4:43 बजे समाप्त होगी।व्रत का संकल्प 20 जुलाई को सुबह 5:36 बजे से 6:21 बजे के बीच लिया जा सकता है।भगवान शिव की पूजा 20 जुलाई को प्रदोष काल में शाम 4:33 बजे से 8:08 बजे के बीच की जा सकती है।
Kokila Vrat 2024 शुभ मुहूर्त
- संकल्प का मुहूर्त: सुबह 5:36 बजे से 6:21 बजे तक
- पूजा का मुहूर्त: शाम 4:33 बजे से 8:08 बजे तक
Kokila Vrat 2024 कोकिला व्रत का महत्व
- सुख-समृद्धि: यह व्रत सुख-समृद्धि और वैभव प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
- अखंड सौभाग्य: कुवांरी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति और अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हैं।
- पापों से मुक्ति: यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने वाला भी माना जाता है।
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Kokila Vrat 2024 कोकिला व्रत की पूजा विधि
- सवेरे उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को स्वच्छ करें और गंगाजल से धो लें।
- भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीप प्रज्ज्वलित करें और धूप-बत्ती लगाएं।
- भगवान शिव और माता पार्वती को फल, फूल, मिठाई और जल अर्पित करें।
- शिव चालीसा या कोकिला व्रत कथा का पाठ करें।
- आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
- व्रत का समापन अगले दिन सूर्योदय के बाद करें।
Kokila Vrat 2024 कोकिला व्रत के नियम
- व्रत के दिन एक बार ही भोजन करें।
- भोजन में सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- दिन भर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें।
यह भी ध्यान रखें
- यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं व्रत न रखें।
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. KARMASU.IN इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)