• Version
  • Download 134
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 25, 2023
  • Last Updated October 25, 2023

तालध्वज रथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल तीन रथों में से एक है। यह रथ भगवान बलराम को समर्पित है। रथ का नाम भगवान बलराम के हाथ में धारण किए हुए ताल या डमरू के नाम पर रखा गया है।

तालध्वज रथ का निर्माण लकड़ी से किया जाता है और यह लगभग 45 फीट लंबा और 25 फीट चौड़ा होता है। रथ का रंग लाल और पीला होता है। रथ के ऊपर भगवान बलराम की एक विशाल प्रतिमा होती है। प्रतिमा के चारों ओर फूलों और अन्य सजावटों से सजाया जाता है।

तालध्वज रथ की यात्रा 10 दिनों तक चलती है। रथ पहले जगन्नाथ मंदिर से निकलता है और फिर शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरता है। यात्रा के अंत में, रथ जगन्नाथ मंदिर में वापस लाया जाता है।

तालध्वज रथ की यात्रा एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम ओडिशा के लोगों के लिए एक बड़ी खुशी का अवसर है।

तालध्वज रथ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं:

  • रथ का नाम भगवान बलराम के हाथ में धारण किए हुए ताल या डमरू के नाम पर रखा गया है।
  • रथ का निर्माण लकड़ी से किया जाता है और यह लगभग 45 फीट लंबा और 25 फीट चौड़ा होता है।
  • रथ का रंग लाल और पीला होता है।
  • रथ के ऊपर भगवान बलराम की एक विशाल प्रतिमा होती है।
  • रथ की यात्रा 10 दिनों तक चलती है।
  • रथ का अंतिम पड़ाव जगन्नाथ मंदिर है।

तालध्वज रथ की यात्रा एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक दृश्य है। यह यात्रा भगवान बलराम की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अवसर है।

तालध्वजरथः taldhvajarathah


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *