भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हेरंब संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन बहुला चौथ भी मनाई जाती है. जानते हैं हेरंब संकष्टी चतुर्थी की डेट, मुहूर्त और महत्व.

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हेरंब संकष्टी चतुर्थी है इसे महा स्कंद हर चतुर्थी भी कहते हैं. इस दिन बहुला चौथ भी मनाई जाती है. संकष्टी चतुर्थी व्रत गणपति जी को समर्पित है लेकिन बहुला चौथ व्रत में श्रीकृष्ण और बहुला गाय की पूजा की जाती है.

ऐसे में व्रती को इस दिन बप्पा और बाल गोपाल दोनों का आशीर्वाद मिलेगा. आइए जानते हैं हेरंब संकष्टी चतुर्थी और बहुला चौथ की डेट, मुहूर्त और महत्व.

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हेरंब संकष्टी चतुर्थी 2023 डेट

भाद्रपद माह की हेरंब संकष्टी चतुर्थी 3 सितंबर 2023 रविवाह को है.संकष्टी के दिन बुद्धि, विद्या के दाता गणपति जी की उपसाना करने से समस्त विघ्न दूर होते हैं. मांगलिक कार्य में बाधाएं नहीं आती.

हेरंब संकष्टी चतुर्थी 2023 मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि 02 सितंबर 2023 को रात 08 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 03 सिंतबर 2023 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगी.

गणपति की पूजा का मुहूर्त – सुबह 07.35 – सुबह 10.45

शाम का मुहूर्त – शाम 06.41 – रात 09.31

बहुला चौथ की पूजा – शाम 06.28 – शाम 06.54

चंद्रोदय समय – रात 08:57

हेरंब संकष्टी चतुर्थी महत्व 

भविष्य पुराण में बताया गया है कि हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर उपवास करने से बुध, राहु-केतु के दुष्प्रभाव नहीं झेलने पड़ते. भगवान गणेश की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं और बुद्धि, बल और विवेक की प्राप्ति होती है. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है.

हेरंब संकष्टी चतुर्थी मंत्र

‘ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।’

‘ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।’

 ‘ॐ गं गणपतये नम:।’

भाद्रपद चतुर्थी 2023 तिथि और पूजा विधि 

इस दिन श्री गणेश की पूजा की जाती है और फिर चांद को अर्घ्य देते हैं. 

दिन भर महिलाएं निराहार रहकर इस व्रत को करती हैं.

शाम के वक्त गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें फूल, पांच तरह के फल, नारियल, पान, सुपारी, दही, दूध, शहद, इत्र, सिंदूर, अक्षत और चंदन चढ़ाएं.

इस दिन भगवान को मोतीचूर के लड्डू चढ़ाने चाहिए.

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