व्यक्ति के कर्म या उसके द्वारा किए गए कुछ पिछले कर्मों के परिणामस्वरूप कालसर्प योग दोष कुंडली में होना माना जाता है। इसके अलावा, यदि व्यक्ति ने अपने वर्तमान या पिछले जीवन में सांप को नुकसान पहुंचाया हो तो भी काल सर्प योग दोष की निर्मिति होती है। हमारे मृत पूर्वजों की आत्माए नाराज होने से भी यह दोष कुंडली में पाया जाता है। संस्कृत में काल सर्प दोष द्वारा कई सारे निहितार्थ सुझाए गए है। यह अक्सर कहा जाता है कि अगर काल सर्प दोष निवारण पूजा नहीं की गयी तो, संबंधित व्यक्ति के कार्य को प्रभावित करेगा और सबसे कठिन बना देगा। शिप्रा किनारे नृसिंह घाट पर बना विश्व का एकमात्र पारदेश्वर मंदिर अपने आपमें अनूठा है। महाकाल और हरसिद्धि मंदिर के समीप बने इस मंदिर में ढाई टन वजनी पारद शिवलिंग स्थापित है, जिसके दर्शन मात्र से ही समस्त पाप नष्ट होते हैं यहाँ आप हमारे विद्वान पंडितों के द्वारा घर बैठे अपने नाम गोत्र के साथ या आप यहाँ स्वयं जाकर हमारे माध्यम से कालसर्प दोष निवारण पूजा करवा सकते हैं कालसर्प दोष कुंडली में होने के लक्षण: यदि किसी व्यक्ति को पता नहीं की वे यह दोष से पीड़ित है या नहीं, या वो अनिश्चित है, तो निचे दिए गए कई लक्षण से कुंडली में स्थित काल सर्प योग के बारे में पता चल सकता है: यह भी कहा जाता है कि, कुछ लोगों को एयरोफोबिया ( अँधेरे से डर) भी होता है। किसी की भी कुंडली में इस प्रकार के योग को ठीक करने के लिए, विशेषज्ञ या पंडितजी से काल सर्प योग शांति पूजा करना आवश्यक है। GET IN TOUCH 9129388891