सनातन धर्म में भगवान गणेश को सभी देवी देवताओं में सबसे पहले पूजा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य के पहले भगवान गणेश को पूजने से उस कार्य में सफलता जरूर प्राप्त होती है. 8 मई 2023 को संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है. इस दिन को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस दिन भक्त व्रत भी रखते हैं.

एकदंत संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

गणपति का पूजा का शुभ फल प्रदान करने वाला एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत इस साल 08 मई 2023 को मनाया जाएगा.पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 08 मई 2023 को शाम को 06:18 बजे से प्रारंभ होकर 09 मई 2023 को शाम के समय 04:08 बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा रात्रि 10:04 बजे होगा.

संकष्टी चतुर्थी का धार्मिक महत्व

एकदंत संकष्टी चतुर्थी का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है. इस दिन गणेश भगवान की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत सुख-सौभाग्य दिलाता है.यदि आप संतान प्राप्ति का सुख भोगना चाहते हैं तो भी इस दिन विधि-विधान से गणेश भगवान की पूजा करें. जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से संकष्टि चतुर्थी का व्रत रखता है उसकी हर एक मनोकामना भगवान गणेश पूरी करते हैं. इसके अलावा भगवान गणेश जीवन भर उनके हर विघ्न को हर लेते हैं.

संकष्टी चतुर्थी की तिथि

संकष्टी चतुर्थी जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. जिसकी शुरुआत 8 मई 2023 को शाम 6:18 से हो रही है इसका समापन अगले दिन यानी 9 मई 2023 शाम 4:08 पर होगा. संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार व्रत 8 मई को रखा जाएगा.

संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश की पूजा करते समय व्रत रखने का संकल्प लें.
अब एक लकड़ी के पति पर भगवान गणेश की प्रतिमा रखकर उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं. उनके समक्ष दूर्वा, फूल माला, लड्डू और फल अर्पित करें.
अब भगवान गणेश के समीप घी का दीपक जलाएं.
भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करने के बाद उन्हें घी से बने मोतीचूर के लड्डू या मोदक का भोग लगाकर अपनी गलती के लिए क्षमा याचना करें.

सीता नवमी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
सहायता
Scan the code
KARMASU.IN
नमो नमः मित्र
हम आपकी किस प्रकार सहायता कर सकते है