KARMASU

Tulsi Vivah 2025

Tulsi Vivah 2025 Date And Time: सनातन धर्म में तुलसी विवाह का पर्व अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह वह शुभ दिन है जब भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, और इसी के साथ सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों (जैसे विवाह) की शुरुआत होती है।

तुलसी को देवी महालक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिय ‘विष्णुप्रिय’ माना जाता है। Tulsi Vivah 2025 इस विशेष दिन पर भक्तजन तुलसी माता का विवाह शालीग्राम भगवान (जो भगवान विष्णु का विग्रह रूप हैं) के साथ कराते हैं।

Tulsi Vivah 2025 Date And Time:आइए जानते हैं 2025 में तुलसी विवाह की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि-विधान

तुलसी विवाह 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah 2025 Shubh Muhurat)

Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह का पर्व हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि आमतौर पर देवउठनी एकादशी के ठीक अगले दिन या उसके बाद आती है।

तुलसी विवाह 2025 की मुख्य जानकारी:Main information about Tulsi Vivah 2025

Prathamastami 2025 Date And Time: प्रथमाष्टमी महोत्सव कब है जाने शुभ मुहूर्त… Prathamastami

Prathamastami 2025 Date And Time: प्रथमाष्टमी महोत्सव कब है जाने शुभ मुहूर्त…

Prathamastami 2025 Mein Kab hai: प्रथमाष्टमी एक प्रिय त्योहार है जिसका भारतीय राज्य ओडिशा में विशेष सांस्कृतिक महत्व है। यह…

Kaal Bhairav Jayanti 2025 Date And Time: काल भैरव जयंती 2025: तिथि, महत्व, और पूजा विधि जो आपको भय और बाधाओं से मुक्त करे…. Kaal Bhairav

Kaal Bhairav Jayanti 2025 Date And Time: काल भैरव जयंती 2025: तिथि, महत्व, और पूजा विधि जो आपको भय और बाधाओं से मुक्त करे….

Kaal Bhairav Jayanti 2025 Mein Kab Hai: काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti), जिसे भैरव अष्टमी, भैरवाष्टमी, या काल भैरव…

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Date And Time: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा और समय…. Sankashti Chaturthi

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Date And Time: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा और समय….

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Mein Kab Hai: संकष्टी चतुर्थी, जिसे संकटहर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान…

विवरण (Detail)तिथि/समय (Date/Time)
तिथिकार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी
तिथि की शुरुआत02 नवंबर 2025, सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर
तिथि का समापन03 नवंबर 2025, सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर
तुलसी विवाह की तिथि02 नवंबर 2025 (रविवार)

शुभ मुहूर्त

इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं जिनका उपयोग पूजा के लिए किया जा सकता है:

अभिजित मुहूर्त: 11:42 ए एम से 12:26 पी एम

विजय मुहूर्त: 01:55 पी एम से 02:39 पी एम

गोधूलि मुहूर्त: 05:35 पी एम से 06:01 पी एम

त्रिपुष्कर योग: 07:31 ए एम से 05:03 पी एम

तुलसी विवाह की पूजा विधि (Tulsi Vivah 2025 Puja Rituals)

तुलसी और शालिग्राम का विवाह पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न कराया जाता है। विधिवत पूजा विधि निम्नलिखित है:

1. मंडप की तैयारी: घर के आंगन, बालकनी या पूजा स्थल पर तुलसी के पौधे को स्थापित करें। तुलसी के चारों ओर सुंदर रंगोली बनाकर मंडप सजाएं।

2. शृंगार और स्थापना: तुलसी जी को चूड़ी, चुनरी, साड़ी और सभी शृंगार सामग्री अर्पित करें। शालिग्राम जी को तुलसी के पौधे के दाहिनी ओर स्थापित करें।

3. स्नान और तिलक: तुलसी माता और शालिग्राम भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं। शालिग्राम जी को चंदन और तुलसी जी को रोली का तिलक लगाएं।

4. भोग: उन्हें फूल, भोग के रूप में मिठाई, गन्ने, सिंघाड़े और पंचामृत आदि चढ़ाएं। धूप और दीप जलाएं।

5. विशेष ध्यान: यह ध्यान रखें कि शालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ाया जाता है। इसलिए, उनकी जगह तिल या सफेद चंदन चढ़ाएं।

6. विवाह संस्कार: विधिवत मंत्रोच्चार के साथ देवी तुलसी और शालिग्राम भगवान के सात फेरे कराए जाते हैं।

7. समापन: विवाह संपन्न होने के बाद आरती करें और प्रसाद सभी भक्तों में वितरित करें।

तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व (Significance of Tulsi Vivah)

सनातन धर्म में तुलसी विवाह कराने का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है।

कन्यादान का पुण्य: माना जाता है कि जो भक्त विधि-विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराता है, उसे कन्यादान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है।

सुख-समृद्धि: चूंकि तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, इसलिए इस दिन विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली, प्यार और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

मनोकामना पूर्ति: यह पर्व जीवन के सभी कष्टों को दूर करता है, और अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है।

तुलसी पूजन मंत्र:Tulsi worship mantra

पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है:

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी के सामने दीपक प्रज्वलन की महिमा:Glory of lighting the lamp in front of Tulsi

तुलसी के पौधे के पास शाम को दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है एवं नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होता है। स्कन्द पुराण के अनुसार जिन घरों में तुलसी की पूजा की जाती है, उन घरों में यमदूत कभी प्रवेश नहीं करते हैं।

तुलसी दल तोड़ने का मंत्र:Mantra to break Tulsi party

तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया ।
चिनोमी केशवस्यार्थे वरदा भव शोभने ॥
त्वदङ्गसम्भवैः पत्रैः पूजयामि यथा हरिम् ।
तथा कुरु पवित्राङ्गि! कलौ मलविनाशिनि ॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *