Jain Festival 2025 Calendar 2025 : महावीर जयंती इस साल चार अप्रैल को है. Jain Festival 2025 Calendar 2025 महावीर जयंती जैन समुदाय का विशेष पर्व होता है. इस जयंती को भगवान महावीर स्वामी के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है.
Jain Festival 2025 Calendar 2025 महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे. उनका जन्म ईसा पूर्व 599 वर्ष माना जाता है. Jain Festival 2025 Calendar 2025 उनके पिता राजा सिद्धार्थ और माता रानी त्रिशला थीं और बचपन में उनका नाम वर्द्धमान था.
Mahavir Jayanti 2025: महावीर जयंती 2025 कब है?
Jain Festival 2025 Calendar 2025 महावीर जयंती हिंदू चंद्र कैलेंडर में चैत्र महीने के 13वें दिन आती है, Jain Festival 2025 Calendar 2025 जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में मार्च या अप्रैल में आती है। इस वर्ष, महावीर जयंती 10 अप्रैल, 2025 (गुरुवार) को मनाई जाएगी।
Jain calendar 2025 Festival: जैन धर्म, अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह जैसे महान सिद्धांतों पर आधारित, विश्व के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। इस धर्म के संस्थापक ऋषभदेव माने जाते हैं। जैन धर्म का एक विशेष कैलेंडर होता है, Jain Festival 2025 Calendar 2025 जिसमें उनके सभी व्रत और त्योहारों की जानकारी दी जाती है। जैसे हिंदू कैलेंडर में त्योहारों का उल्लेख होता है, वैसे ही जैन कैलेंडर में भी विभिन्न व्रत और पर्वों की तिथियां निर्धारित होती हैं। यहां 2025 के जैन कैलेंडर में महत्वपूर्ण व्रत और पर्वों के बारे में जानकारी है।
जैन कैलेंडर के 12 महीने
हिंदू कैलेंडर की तरह ही जैन कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं। प्रत्येक महीना 30 दिनों का होता है। इन 12 महीनों के नाम, कार्तक, मगसर, पोष, महा, फागन, चैत्र, वैशाख, जेठ, आषाढ़, श्रावण, भादरवो और आसो है। Jain Festival 2025 Calendar 2025 जैन धर्म का नववर्ष दिवाली के अगले दिन से शुरू होता है। यह दिन वीर निर्वाण संवत के अनुसार वर्ष का पहला दिन माना जाता है। जैन धर्म के अनुयायी अपने व्रत और त्योहारों को आध्यात्मिक अनुशासन और आत्मिक शुद्धि के लिए मनाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2025 में जैन धर्म के कौन से त्योहार किस दिन मनाए जाएंगे।
जैन धर्म किन चीज़ों पर आधारित है?
हिंदू धर्म की तरह जैन धर्म का भी कोई संस्थापक नहीं है. जैन धर्म 24 तीर्थंकरों के जीवन और शिक्षा पर आधारित है. तीर्थंकर यानी वो आत्माएं जो मानवीय पीड़ा और हिंसा से भरे इस सांसारिक जीवन को पार कर आध्यात्मिक मुक्ति के क्षेत्र में पहुंच गई हैं. सभी जैनियों के लिए 24वें तीर्थंकर महावीर जैन का ख़ास महत्व है.
महावीर इन आध्यात्मिक तपस्वियों में से अंतिम तीर्थंकर थे. लेकिन, जहां औरों की ऐतिहासिकता अनिश्चित है वहीं, महावीर जैन के बारे में पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि उन्होंने इस धरती पर जन्म लिया. अहिंसा के इस उपदेशक का जन्म क्षत्रिय जाति में हुआ. वो गौतम बुद्ध के समकालीन थे.
Jain Festival 2025 Calendar 2025:महावीर जयंती का उत्सव
Jain Festival 2025 Calendar 2025:महावीर जयंती को दुनिया भर में जैन धर्मावलंबियों द्वारा जीवंत उत्सव और गहरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव में आम तौर पर ये शामिल होते हैं:
जुलूस और रथ यात्राएँ : कई शहरों और कस्बों में भव्य जुलूस निकाले जाते हैं, जिन्हें रथ यात्रा के नाम से जाना जाता है। Jain Festival 2025 Calendar 2025 भगवान महावीर की मूर्तियों को भव्य रूप से सजाए गए रथों पर ले जाया जाता है, साथ में भक्त भजन गाते हैं, धार्मिक गीत गाते हैं और पारंपरिक नृत्य करते हैं।
मंदिर भ्रमण और प्रार्थना : जैन धर्मावलंबी जैन मंदिरों (देरासार) में प्रार्थना करने और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए जाते हैं। भगवान महावीर की मूर्तियों का विशेष अभिषेक (औपचारिक स्नान) किया जाता है।
व्याख्यान और प्रवचन: धार्मिक नेता और विद्वान भगवान महावीर के जीवन और शिक्षाओं पर व्याख्यान और प्रवचन देते हैं। ये सत्र जैन दर्शन के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और श्रोताओं को अपने दैनिक जीवन में इसके सिद्धांतों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
धर्मार्थ गतिविधियाँ और सामुदायिक सेवा: इस शुभ दिन पर, जैन लोग विभिन्न धर्मार्थ गतिविधियों में संलग्न होते हैं, जैसे कि जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और दवाएँ दान करना। वे रक्तदान शिविर और निःशुल्क चिकित्सा जाँच शिविर भी आयोजित करते हैं। पशु आश्रयों को अक्सर सहायता दी जाती है, और जानवरों को बचाने और उनकी रक्षा करने के प्रयास किए जाते हैं।
उपवास और ध्यान: कई जैन लोग महावीर जयंती पर उपवास रखते हैं, भोजन से परहेज करते हैं या केवल कुछ प्रकार के भोजन का सेवन करते हैं। वे आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास की तलाश में ध्यान और चिंतन के लिए भी समय समर्पित करते हैं।
बूचड़खानों से पशुओं को मुक्त करना: बूचड़खानों में जाने वाले पशुओं को मुक्त करना एक विशेष रूप से प्रभावशाली प्रथा है। करुणा का यह कार्य अहिंसा के सिद्धांत का प्रतीक है और सभी जीवित प्राणियों की रक्षा के लिए जैन प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
सजावट और रोशनी: जैन मंदिरों और घरों को रंग-बिरंगे झंडों, फूलों और रोशनी से सजाया जाता है, जिससे उत्सव का माहौल बनता है। किसी भी जीव को नुकसान पहुँचाए बिना तैयार किए गए विशेष जैन व्यंजन परोसे जाते हैं।
2025: जैन धर्म के प्रमुख पर्व-त्योहार Jain Festival 2025 Calendar 2025
2 जनवरी 2025 | यतीन्द्र सुरेश्वर दिवस | गुरुवार |
02 जनवरी 2025 | त्रिस्तुति | गुरुवार |
06 जनवरी 2025 | श्री राजेंद्र सूरीश्वर दिवस | सोमवार |
26 जनवरी 2025 | शीतलनाथ जन्म तप | रविवार |
27 जनवरी 2025 | मेरु त्रयोदशी | सोमवार |
27 जनवरी 2025 | आदिनाथ निर्वाण कल्याणक | सोमवार |
28 जनवरी 2025 | ऋषभदेव मोक्ष | मंगलवार |
02 फरवरी 2025 | दशलक्षण (3/3) प्रारम्भ | रविवार |
04 फरवरी 2025 | मर्यादा महोत्सव | मंगलवार |
11 फरवरी 2025 | श्री जीतेन्द्र रथ यात्रा | मंगलवार |
11 फरवरी 2025 | दशलक्षण (3/3) समाप्त | मंगलवार |
07 मार्च 2025 | अष्टान्हिका (3/3) प्रारम्भ | शुक्रवार |
14 मार्च 2025 | अष्टान्हिका (3/3) समाप्त | शुक्रवार |
02 अप्रैल 2025 | दशलक्षण (1/3) प्रारम्भ | बुधवार |
04 अप्रैल 2025 | आयंबिल ओली प्रारंभ | शुक्रवार |
10 अप्रैल 2025 | महावीर जयंती | गुरुवार |
11 अप्रैल 2025 | दशलक्षण (1/3) समाप्त | शुक्रवार |
12 अप्रैल 2025 | आयंबिल ओली अंत | शनिवार |
07 मई 2025 | श्री महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान दिवस | बुधवार |
13 मई 2025 | ज्येष्ठ जिनवार व्रत प्रारंभ | मंगलवार |
24 मई 2025 | श्री अनंतनाथ जन्म तप | शनिवार |
11 जून 2025 | ज्येष्ठ जिनवर व्रत समापन | बुधवार |
03 जुलाई 2025 | अष्टान्हिका (1/3) प्रारम्भ | गुरुवार |
09 जुलाई 2025 | चौमासी चौदस | बुधवार |
10 जुलाई 2025 | अष्टान्हिका (1/3) समाप्त | गुरुवार |
31 जुलाई 2025 | पार्श्वनाथ मोक्ष | गुरुवार |
24 अगस्त 2025 | कल्पसूत्र पाठ | रविवार |
24 अगस्त 2025 | संवत्सरी | रविवार |
25 अगस्त 2025 | तैलधर तप | सोमवार |
28 अगस्त 2025 | क्षमावाणी पर्व | गुरुवार |
28 अगस्त 2025 | दशलक्षण (2/3) प्रारम्भ | गुरुवार |
06 सितंबर 2025 | दशलक्षण (2/3) समाप्त | शनिवार |
28 सितंबर 2025 | आयंबिल ओली प्रारंभ | शनिवार |
07 अक्तूबर 2025 | आयंबिल ओली अंत | मंगलवार |
19 अक्तूबर 2025 | श्री पद्म प्रभु जन्म तप | रविवार |
21 अक्तूबर 2025 | महावीर निर्वाण | मंगलवार |
26 अक्तूबर 2025 | ज्ञान पंचमी/सौभाग्य पंचमी | रविवार |
29 अक्तूबर 2025 | अष्टान्हिका (2/3) प्रारम्भ | बुधवार |
05 नवंबर 2025 | अष्टान्हिका (2/3) समाप्त | बुधवार |
14 नवंबर 2025 | महावीर स्वामी दीक्षा | शुक्रवार |
01 दिसंबर 2025 | मौनी एकादशी | सोमवार |
15 दिसंबर 2025 | पार्श्वनाथ जयंती | सोमवार |
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए KARMASU.IN उत्तरदायी नहीं है।