Guru Nanak Jayanti Kab Hai: सिख धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक, गुरु नानक जयंती (या गुरुपर्व) का इंतजार हर श्रद्धालु को रहता है। यह दिन सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के रूप में अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
यह पर्व मानवता, समानता, और सच्चे जीवन का संदेश देने वाले गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में श्रद्धा, भक्ति और सेवा भाव से भरा होता है। यदि आप 2025 में यह शुभ पर्व मनाने की योजना बना रहे हैं, Guru Nanak Jayanti तो यहाँ तिथि, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उत्सव की पूरी जानकारी दी गई है।
Guru Nanak Jayanti 2025 Date: गुरु नानक जयंती 2025 कब है? जानिए गुरुपर्व की सही डेट….
1. गुरु नानक जयंती 2025 की सही तिथि (Guru Nanak Jayanti 2025 Date)
गुरु नानक देव जी की जयंती हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।
| विवरण | तिथि और वर्ष | जन्म वर्षगांठ | |
| गुरु नानक जयंती (गुरुपर्व) | 05 नवंबर 2025, बुधवार | 556वीं | |
| हिंदू कैलेंडर तिथि | कार्तिक पूर्णिमा | – |
निष्कर्ष: इस साल गुरु नानक जयंती 5 नवंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। यह गुरु नानक देव जी की 556वीं जन्म वर्षगांठ होगी।
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2. कौन थे गुरु नानक देव जी? (History of Guru Nanak Dev Ji)
गुरु नानक Guru Nanak Jayanti देव जी सिख धर्म की नींव रखने वाले पहले गुरु थे, जिन्होंने अपने विचारों, करुणा और सादगी से मानवता को नया दिशा दी।
जन्म स्थान और समय: गुरु नानक देव जी का जन्म सन् 1469 ई. में पंजाब के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था। यह स्थान अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है।
माता-पिता: उनके पिता का नाम मेहता कालू चंद और माता का नाम माता तृप्ता था।
शिक्षा और संदेश: बचपन से ही गुरु नानक देव जी आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। Guru Nanak Jayanti उन्होंने समाज में फैली जाति-पांति, अंधविश्वास और भेदभाव का कड़ा विरोध किया। उन्होंने समानता, प्रेम, सत्य और सेवा का संदेश दिया। उनका मानना था कि ईश्वर एक है और भक्ति, सच्चाई, और सेवा के मार्ग से ही परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है।
उदासी यात्राएं: उन्होंने अपने जीवनकाल में चार बड़ी धार्मिक यात्राएं कीं, जिन्हें उदासियाँ कहा गया।
3. गुरु नानक देव जी के प्रेरणादायक उपदेश (Inspiring Teachings)
गुरु नानक देव जी ने हिंदू-मुस्लिम एकता, समानता, और सेवा का संदेश दिया। उनके उपदेश आज भी जीवन को सही दिशा देते हैं:
मूल मंत्र: उनका प्रसिद्ध उपदेश है— “एक ओंकार सतनाम, करता पुरख, निर्भउ, निरवैर”।
इसका अर्थ है: ईश्वर एक है, उसका नाम सत्य है, वह सृष्टि का रचयिता है, वह निर्भय है, और सबके प्रति निरवैर (शत्रुता रहित) है।
सर्व धर्म समभाव: उन्होंने यह संदेश दिया था कि “ना कोई हिन्दू, ना मुसलमान — सब इंसान हैं”।
सच्ची सेवा: गुरु नानक जी ने सिखाया कि सच्ची पूजा केवल ईश्वर के नाम का स्मरण नहीं, बल्कि दूसरों की सेवा में निहित है।
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4. गुरुपर्व कैसे मनाया जाता है? (How to Celebrate Guru Nanak Jayanti)
सिख समुदाय गुरु नानक देव जी की जयंती को अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाता है। उत्सव की शुरुआत जयंती से कई दिन पहले हो जाती है:
अखंड पाठ: जयंती से दो दिन पहले गुरुद्वारों में अखंड पाठ शुरू होता है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब का लगातार 48 घंटे तक पाठ किया जाता है।
प्रभात फेरियां और कीर्तन: सुबह के समय प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, Guru Nanak Jayanti जिनमें श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए नगर भ्रमण करते हैं।
गुरुद्वारों की सजावट: इस दिन गुरुद्वारों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है।
लंगर सेवा: गुरुद्वारों में पूरे दिन लंगर चलता है। यह गुरु नानक जी के समानता और सेवा के संदेश का प्रतीक है, जहाँ हर धर्म और वर्ग के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।
उपदेशों का स्मरण: इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार, अरदास और सत्संग का माहौल रहता है, और गुरु नानक जी के उपदेशों को याद किया जाता है।




