Gauri Nandan Arti:गौरी नंदन आरती के फायदे और शुभ मुहूर्त
Gauri Nandan Arti:गौरी नंदन आरती के फायदे:
- परिवार में सुख-शांति:
गौरी नंदन, भगवान गणेश और Gauri Nandan Arti माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए की जाने वाली आरती से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। - संकटों का निवारण:
यह आरती करने से जीवन के सभी प्रकार के संकट और विघ्न दूर हो जाते हैं। इसे विघ्नहर्ता Gauri Nandan Arti भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। - विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद:
गौरी नंदन की आरती से बच्चों और छात्रों को शिक्षा में सफलता और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है। - शुभ कार्यों में सफलता:
शादी, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्यों से पहले गौरी नंदन की आरती करने से कार्य निर्विघ्न पूर्ण होते हैं। - विवाह में अड़चन का समाधान:
जो लोग विवाह में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह आरती विशेष फलदायी होती है। - धन और समृद्धि:
यह आरती नियमित करने से धन संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं और लक्ष्मी माता का स्थायी वास होता है।
Gauri Nandan Arti;गौरी नंदन आरती के शुभ मुहूर्त:
- प्रातःकाल:
सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त और सूर्योदय के समय। - संध्याकाल:
शाम के समय, 6:00 बजे से 8:00 बजे के बीच। विशेषकर सूर्यास्त के बाद आरती करना शुभ माना जाता है। - चतुर्थी तिथि:
चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) के दिन की गई गौरी नंदन आरती का विशेष महत्व होता है। - गणेश उत्सव और बुधवार:
बुधवार को भगवान गणेश का दिन माना जाता है। इस दिन की गई आरती अत्यधिक फलदायी होती है।
Gauri Nandan Arti:आरती करने का तरीका:
- एक स्वच्छ स्थान पर भगवान गणेश और माता गौरी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक और धूप जलाकर भगवान का ध्यान करें।
- चंदन, फूल, और प्रसाद चढ़ाएं।
- आरती गायन के साथ घंटी और शंख बजाएं।
- अंत में भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें।
यह आरती जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाती है और भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्रदान करती है।
Gauri Nandan Arti: गौरी नंदन आरती
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
शुभ कार्यो में सबसे पहले
तेरा पूजन करते
विघ्न हटाते काज बनाते
सभी अमंगल हरते
ओ देवा सिद्धि और सिद्धि बाटे
चुनते राहो के काटे
खुशियों के रंग को बिखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
ओमकार है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
लम्ब कर्ण तेरे उज्जवल नैना
धुम्रवर्ण है काया
ओम्हर है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
ओ देवा शम्भू के लाल दुलारे
संतो के नैनन तारे
मस्तक पे चन्द्रमा को वारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
गणपति बाप्पा घर में आना
सुख वैभव कर जाना
एक दन्त लम्बोदर स्वामी
सारे कष्ट मिटाना
गणपति बाप्पा घर में आना
सुख वैभव बरसाना
देवा लडूअन का भोग लगाते
मूषक वहानपे आते
भक्तो की बिगड़ी संवारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
धन कुबेर चरणों के चाकर
लक्ष्मी संग विराजे
दसो दिशा नवखण्ड में देवा
डंका तेरा बाजे
देवा तुझमे ध्यान लगाये
मन चाहा फल वो पाए
नैया भवंर से उबारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
बांझो की गोदे भर देना
निर्धन को धन देना
दिनों को सन्मान दिलाना
निर्बल को बाल देना
ओ देवा सुनलो अरदास हमारी
विनती करते नर नारी
सेवा में तन मन वारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते