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- Create Date November 8, 2023
- Last Updated November 8, 2023
Srihatkeshvarashtakam
षड्धारेषु आत्मन ध्यानम् एक ध्यान विधि है जो छह चक्रों पर ध्यान केंद्रित करती है। यह विधि हिंदू योग में उपयोग की जाती है और मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करने में मदद करने के लिए कहा जाता है।
षड्धारेषु आत्मन ध्यानम् के छह चक्र हैं:
- मूलाधार चक्र - यह चक्र मूलाधार में स्थित है और मूल बल से संबंधित है।
- स्वाधिष्ठान चक्र - यह चक्र स्वाधिष्ठान में स्थित है और स्वाद, भावनाओं और वासना से संबंधित है।
- मणिपूर चक्र - यह चक्र मणिपूर में स्थित है और आत्मविश्वास, शक्ति और ऊर्जा से संबंधित है।
- अनाहत चक्र - यह चक्र अनाहत में स्थित है और प्रेम, करुणा और दया से संबंधित है।
- विशुद्धि चक्र - यह चक्र विशुद्धि में स्थित है और ज्ञान, विवेक और शुद्धता से संबंधित है।
- आज्ञा चक्र - यह चक्र आज्ञा में स्थित है और आध्यात्मिक जागरूकता और ज्ञान से संबंधित है।
Srihatkeshvarashtakam
ध्यान करने के लिए, एक आरामदायक स्थिति में बैठें और अपनी आंखें बंद करें। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें और अपनी सांस को अपने पेट तक जाने दें। जैसे-जैसे आप सांस लेते हैं, अपनी कल्पना में प्रत्येक चक्र को प्रकाश से भरा हुआ देखें। प्रत्येक चक्र के लिए कुछ मिनट ध्यान दें।
ध्यान समाप्त करने के लिए, अपनी आंखें खोलें और धीरे-धीरे अपने सामान्य चेतना में वापस आएं।
षड्धारेषु आत्मन ध्यानम् एक शक्तिशाली ध्यान विधि है जो आपको अपने भीतर के शांति और शांति को खोजने में मदद कर सकती है। यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करने, तनाव को कम करने और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
षडाधारेषु आत्मनाथध्यानम् Shadhadareshu Atmanathdhyanam
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