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- Create Date November 7, 2023
- Last Updated November 7, 2023
मृत्युञ्जयाष्टादशनामावलिः Mrityunjayashtadashanamavalih
Mrityunjayashtadashanamavalih
मृत्युंजय अष्टादशनामावली भगवान शिव की स्तुति में लिखी गई एक संस्कृत स्तुति है। यह स्तुति 18 नामों में भगवान शिव की महिमा का वर्णन करती है। इन नामों में से प्रत्येक शिव के एक विशेष गुण या शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
मृयुंजय अष्टादशनामावली की रचना 12वीं शताब्दी के कवि सोमदेव ने की थी। यह स्तुति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है और यह अक्सर मृत्यु के भय को दूर करने के लिए जप की जाती है।
यहाँ मृत्युंजय अष्टादशनामावली के 18 नाम दिए गए हैं:
Mrityunjayashtadashanamavalih
- मृयुंजय: मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला
- त्रिलोकेश: तीनों लोकों का स्वामी
- परमेश्वर: परम ईश्वर
- अज: अजन्मा
- विश्वेश्वर: संसार का स्वामी
- शङ्कर: कल्याण करने वाला
- भगवान: सर्वोच्च सत्ता
- ईशान: सर्वोच्च शासक
- रुद्र: क्रोध रूपी
- शम्भु: आनंद रूपी
- नीलकंठ: नीले गले वाला
- नीलकंठ: नीले गले वाला
- नीलकंठ: नीले गले वाला
- भवानीपति: पार्वती के पति
- त्रिलोचन: तीन आंखों वाला
- पञ्चवक्त्र: पाँच मुख वाला
- महादेव: महान देवता
- अनन्त: अनंत