Shivalochanastuti शिवलोचनस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के नेत्रों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शिव के नेत्रों के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया…
Shivavidya evan shivadeeksha mahima शिवविद्या और शिवदीक्षा हिंदू धर्म में दो महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं। शिवविद्या का अर्थ है भगवान शिव की विद्या और ज्ञान। शिवदीक्षा का अर्थ है शिव की दीक्षा या शिक्षा प्राप्त करना। शिवविद्या को हिंदू धर्म में…
Shivvidyakathanam Shivvidyaprashna: शिवविद्याकथानम् और शिवविद्याप्रश्न दो संस्कृत ग्रंथ हैं जो भगवान शिव की विद्या और ज्ञान के बारे में हैं। शिवविद्याकथानम् एक कथा है जो शिव के पुत्र कार्तिकेय को शिव द्वारा दी गई शिक्षाओं को बताती है। शिवविद्याप्रश्न एक…
Shivastavah शिवस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शिव के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया है। शिवस्तुति की रचना…
Shivastuti: Vyaskrita हाँ, शिवस्तुति व्याख्या की जा सकती है। शिवस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शिव के एक विशेष गुण या विशेषता…
Shivastotram vishnukrtan शिवस्तोत्र भगवान विष्णु द्वारा रचित नहीं है। शिवस्तोत्र का रचनाकार अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि इसे एक महान भक्त ने लिखा था। शिवस्तोत्र में भगवान शिव की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र 12 छंदों…
Shivashtanamani शिवष्टनाम भगवान शिव के आठ नामों का एक संग्रह है। ये नाम शिव के विभिन्न गुणों और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिवष्टनाम इस प्रकार हैं: शिव: शिव का अर्थ है कल्याणकारी, शुभ और मंगलकारी। शंकर: शंकर का अर्थ…
Shonachal Shiva Naam Stotram शोणाचल शिव नाम स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के शोणाचल रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शोणाचल शिव के नामों का उल्लेख…
Shonadrinathashtakam श्री शोणाद्रिनाथाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के शोणाद्रिनाथ रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में शोणाद्रिनाथ के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया गया…
Srikanthashtakam यः पादपपिहिततनुः प्रकाशतां परशुरामेण । नीतः सोऽव्यात्सततं श्रीकण्ठः पादनम्रकल्पतरुः ॥ १॥ यः कालं जितगर्वं कृत्वा क्षणतो मृकण्डुमुनिसूनुम् । निर्भयमकरोत्सोऽव्याच्छ्रीकण्ठः पादनम्रकल्पतरुः ॥ २॥ कुष्ठापस्मारमुखा रोगा यत्पादसेवनात्सहसा । प्रशमं प्रयान्ति सोऽव्याच्छ्रीकण्ठः पादनम्रकल्पतरुः ॥ ३॥ श्रीकण्ठेशस्तोत्रम् Sri Kanthesha Stotram
Sri Kanthesha Stotram श्रीकण्ठेशस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के श्रीकण्ठेश रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में श्रीकण्ठेश के एक विशेष गुण या विशेषता का वर्णन किया…
Sri Kalleshwara Stotram श्री कल्लेश्वर स्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के कल्लेश्वर रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 छंदों में लिखा गया है, और प्रत्येक छंद में कल्लेश्वर के एक विशेष गुण या विशेषता का…