सालों साल पहले एक बुढ़िया सूर्य देव की भक्ति में पूरी तरह से लीन थी। वो हर रविवार को सुबह स्नान कर घर के आंगन को गोबर से अच्छी तरह लिपाई करके सूर्य देव की पूजा करती थी। फिर सूर्य…
सालों पहले एक शहर में साहूकार रहता था, जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम करवा था। साहुकार ने अपने बच्चों का पालन-पोषण काफी शाही तरीके से किया था। सभी भाई अपनी इकलौती बहन को बहुत मानते…
मगध के राज्य में कुंडी नाम का एक नगर था। कहा जाता है कि कुंडी नगर रावण की सोने की लंका की ही तरह सोने से बना हुआ था। इसी नगर में चारूमति नाम की ब्राह्मण महिला रहती थी। वह…
बहुत समय पहले सुमंत नाम का एक ब्राह्मण था। वह बहुत ही नेक और तपस्वी भी था। उसने दीक्षा नाम की औरत से विवाह किया था और दोनों को सुशीला नाम की एक पुत्री भी थी। उनकी पुत्री सुशीला बहुत…
हजारों साल पहले की बात है। नजारेथ नामक शहर में मरियम नाम की एक जवान महिला रहती थी। उन दिनों मरियम का यूसुफ नाम के एक आदमी से प्रेम था। एक रात जब मरियम सो रही थी, तो ईश्वर ने…
सालों पहले एक नगर में किसी सेठ के सात बेटे रहते थे। सभी की शादी सेठ ने समय रहते करवा दी। सातों बहु मिलकर घर का काम भी किया करती थीं। उन सभी में से सेठ की सबसे छोटी बहु…
सालों पहले नर्मदा नदी के ठीक पास कंचनबटी नाम का एक नगर बसा हुआ था। वहां राजा मलयकेतु का शासन था। कंचनबटी नगर के पास में ही एक रेतीली बालुहटा नामक जगह थी, जिसके पास में एक बड़ा-सा पेड़ था।…
बात भगवान राम के जन्म से पहले की है, जब भील आदिवासी कबीले के मुखिया अज के घर बेटी पैदा हुई थी। उसका एक नाम श्रमणा और दूसरा नाम शबरी रखा गया। शबरी की मां इन्दुमति उसे खूब प्यार करती…
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत 24 जून शुक्रवार को है। यह एकादशी पापों के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन श्री हरि के ध्यान, भजन और कीर्तन से सभी तरह…
इस पर्व का प्राचीनतम नाम वासन्ती नव सस्येष्टि है अर्थात् बसन्त ऋतु के नये अनाजों से किया हुआ यज्ञ, परन्तु होली होलक का अपभ्रंश है। यथा–तृणाग्निं भ्रष्टार्थ पक्वशमी धान्य होलक: (शब्द कल्पद्रुम कोष) अर्धपक्वशमी धान्यैस्तृण भ्रष्टैश्च होलक: होलकोऽल्पानिलो मेद: कफ…
श्री कृष्ण के लीला काल का समय था, गोकुल में एक मोर रहता था, वह मोर बहुत चतुर था और श्री कृष्ण का भक्त था, वह श्री कृष्ण की कृपा पाना चाहता था। इसके लिए उस मोर ने एक युक्ति…
भगवान शिव का ध्यान करने मात्र से मन में जो एक छवि उभरती है वो एक वैरागी पुरुष की। इनके एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में डमरु, गले में सर्प माला, सिर पर त्रिपुंड चंदन लगा हुआ है। आप…