Maa Saraswati Ji:माँ सरस्वती जी – आरती 

Maa Saraswati Ji:माँ सरस्वती जी की आरती का विशेष महत्व है, क्योंकि वे विद्या, ज्ञान, कला और संगीत की देवी मानी जाती हैं। उनकी आराधना से बुद्धि, विवेक और ज्ञान की प्राप्ति होती है। विद्यार्थी, कलाकार, संगीतकार, और लेखक विशेष…

Shri Kuber Aarti:श्री कुबेर आरती 

Shri Kuber Aarti:भारत के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली का शुभ आरंभ धनतेरस से होता है, धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर एवं श्री गणेश की पूजा-आरती प्रमुखता से की जाती है। Shri Kuber Aarti:कुबेर आरती को लक्ष्मी पूजन और धन प्राप्ति…

Laxmi Mata Aarti:लक्ष्मीजी आरती

Laxmi Mata Aart:लक्ष्मीजी की आरती का महत्त्व और उसके लाभ विभिन्न समयों पर अलग-अलग होते हैं। Laxmi Mata Aarti इसे करने के सही समय और गलत समय का ध्यान रखना ज़रूरी है ताकि आरती का पूरा लाभ मिल सके और…

Vishwakarma Aarti(विश्वकर्मा आरती)

Vishwakarma Aarti:विश्वकर्मा आरती का पाठ भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो निर्माण, तकनीकी, या कला से जुड़े होते हैं। विश्वकर्मा जी को भगवान का रूप माना जाता है जो सृष्टि के विभिन्न निर्माणों…

Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo:(तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो)

Tulsi Aarti:तुलसी आरती का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, और इसके कई फायदे भी होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं: इन सबके अलावा, तुलसी की आरती करने से भक्ति का भाव भी गहरा होता है, जिससे व्यक्ति…

शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा (Shiv Aarti – Om Jai Shiv Omkara)

Shiv Aarti ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा ॥ॐ जय शिव ओंकारा…॥ एकानन चतुराननपंचानन राजे ।हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे ॥ॐ जय शिव ओंकारा…॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे ।त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे ॥ॐ जय शिव…

श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)

Ganesh Aarti जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े…

हनुमान आरती (Hanuman Aarti)

Hanuman Aarti ॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥ ॥ आरती ॥आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे ।रोग-दोष जाके निकट न झाँके…

आरती श्री वृषभानुसुता – राधा आरती (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि ।पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥ मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,प्रिय अति…