क्‍या है होलाष्‍टक का अर्थ, क्‍या इस समय उग्र रहते हैं ग्रह?

होलाष्‍टक का अर्थहोलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है. इसका अर्थ होता है होली से पहले के आठ दिन. इसी दिन से होली उत्सव के साथ-साथ होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो जाती है.  होलाष्‍टक की…

भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा? (Kunti Ne Shrikrishna Se Upahar Mein Dukh Kyon Manga)

महाभारत का युद्ध खत्म हो गया था। युधिष्ठिर ने हस्तिनापुर की राजगादी संभाल ली थी। सब कुछ सामान्य हो रहा था। एक दिन वो घड़ी भी आई जो कोई पांडव नहीं चाहता था। भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका लौट रहे थे। सारे…

श्री सत्यनारायण कथा – प्रथम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pratham Adhyay)

एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे…

रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा (Rohini Shakat Bhed Dasharath Rachit Shani Stotr Katha)

प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा के कार्य से राज्य की प्रजा सुखी जीवन यापन कर रही थी सर्वत्र सुख और शांति का माहौल था।उनके राज्यकाल में एक दिन ज्योतिषियों ने शनि को कृत्तिका नक्षत्र…

रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा (Rohini Shakat Bhed Dasharath Rachit Shani Stotr Katha)

शनि का रोहणी में जाना देवता और असुर दोनों ही के लिये कष्टकारी और भय प्रदान करनेवाला है तथा रोहिणी-शकट-भेदन से बारह वर्ष तक अत्यंत दुःखदायी अकाल पड़ता है। प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा…