शिक्षाप्रद पौराणिक कथाएँ-भीलकुमार कण्णप्प की कथा 

वन में श्री शंकरजी का एक मन्दिर था। भीलकुमार कण्णप्प आखेट करने निकला और घूमता-घामता उस मन्दिर तक पहुंच गया। मन्दिर में भगवान शिव की प्रतिमा थी। उस भावुक सरल हृदय भीलकुमार के मन में यह भाव आया ‘भगवान इन हिंसक…

पौराणिक कहानियां-गुप्त एवं रहस्यमय विद्या

महर्षि दध्यड आथर्वण जिन्हें पुराणों में दधीचि महर्षि कहा गया। तपोवन में आश्रम बनाकर रहते थे। वे सदा अपनी तपस्या में लीन रहते तथा सुयोग्य छात्रों को विद्या दान किया करते थे। उन्हें मधु विद्या नाम की एक गुप्त एवं…

प्राचीन कथा-राजा हरिश्चंद्र की कथा

सर्यवंश में त्रिशंक नाम के एक प्रसिद्ध चक्रवर्ती सम्राट थे, जिन्हें भगवान विश्वामित्र ने अपने योगबल से सशरीर स्वर्ग भेजने का प्रयत्न किया था। महाराज हरिश्चन्द्र उन्हीं त्रिशंकु के पुत्र थे। ये बड़े ही धर्मात्मा, सत्यपरायण तथा प्रसिद्ध दानी थे।…

पौराणिक कथाएं-गयासुर की कथा 

वैदिक काल में ब्रह्माजी जब सृष्टि की रचना कर रहे थे तो असुर कुल में ‘गय’ का जन्म हुआ, पर उसमें आसुरी वृत्ति नहीं थी। वह परम वैष्णव तथा दैवज्ञ था। वेद संहिताओं में जिन असुरों का नाम आया है, उसमें…

भारत के विभिन्न राज्यों में दशहरा और विजयादशमी कैसे मनाया जाता है

भारत के विभिन्न राज्यों में दशहरा और विजयादशम कैसे मनाया जाता है विजयादशमी का पर्व हमारे लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आता है। इसका धार्मिक महत्त्व तो है ही, साथ ही इस दिन हमारा मनोरंजन भी खूब होता है। मेला…

पौराणिक कहानियां-अर्जुन और उर्वशी कथा

पाण्डव वनवास का जीवन व्यतीत कर रहे थे। भगवान व्यास की प्रेरणा से अर्जुन अपने भाइयों की आज्ञा लेकर तपस्या करने गए। तप करके उन्होंने भगवान शंकर को प्रसन्न किया, आशुतोष ने उन्हें अपना पाशुपतास्त्र प्रदान किया। इसके अनन्तर देवराज…

पौराणिक कथाएं-च्यवन ऋषि और सुकन्या कथा

प्राचीन काल में भृगु नाम के एक महान ऋषि हुए हैं। उनकी पत्नी का नाम था-पुलोमा ! एक बार जब ऋषि पत्नी पुलोमा गर्भवती थीं, तभी प्रमोला नाम का एक राक्षस शूकर (सूअर) का रूप धारण कर उन्हें जबरन उनके…

पौराणिक कहानियां-महर्षि दधीचि की कथा

एक बार की बात है, देवराज इन्द्र अपनी सभा में बैठे थे। उन्हें अभिमान आया कि हम तीनों लोकों के स्वामी हैं। ब्राह्मण हमें यज्ञ में आहति देते है हमारी उपासना करते हैं। फिर हम सामान्यं ब्राह्मण बृहस्पति जी से…

पौराणिक कथा-शबरी की कथा 

प्राचीन समय की बात है। पांचाल देश का राजकुमार सिंहकेतु एक दिन अपने सेवकों को साथ लेकर वन में शिकार खेलने गया। उसके सेवको में से शबर नामक एक सेवक को शिकार की खोज में इधर-उधर घूमते हुए एक टूटा-फूटा…

पौराणिक कथाएं-अश्वपति की कथा

राजर्षि अश्वपति कैकय देश के अधिपति थे। वे बड़े ज्ञानी और वैश्य विद्या के उपासक थे। उनके राज्य में बड़ी शान्ति थी। प्रजा अपने सम्राट का सम्मान करती थी।  उन्हीं दिनों पांच विद्वान ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने का प्रयास कर रहे…

पौराणिक प्रेम कथा-शकुंतला और दुष्यंत की प्रेम कथा

शकुंतला और दुष्यंत की प्रेम कथा -महाराज दुष्यंत एक दिन आखेट करने के लिए वन में गए। वहां एक मृग का पीछा करते हुए महर्षि कण्व के आश्रम के निकट जा पहुंचे। दुष्यंत थके हुए थे। उन्हें प्यास भी लगी हुई…

यमराज-नचिकेता संवाद (Yamraj-Nachiketa Samwad)

 हमारे धर्म ग्रंथो में मृत्यु के देव यमराज से जुड़े दो ऐसे प्रसंग आते है जब यमराज को इंसान के हठ के आगे मजबूर होना पड़ा था। पहला प्रसंग सावित्री से सम्बंधित है, जहाँ यमराज को सावित्री के हठ पर मजबूर होकर उसके पति…