एक बार युद्ध में राजा दशरथ का मुकाबला बाली से हो गया। राजा दशरथ की तीनों रानियों में से कैकयी अस्त्र-शस्त्र और रथ चालन में पारंगत थीं। इसलिए कई बार युद्ध में वह दशरथ जी के साथ होती थीं।जब बाली…
महिषासुर दानवराज रम्भासुर का पुत्र था, जो बहुत शक्तिशाली था। कथा के अनुसार महिषासुर का जन्म पुरुष और महिषी (भैंस) के संयोग से हुआ था। इसलिए उसे महिषासुर कहा जाता था। वह अपनी इच्छा के अनुसार भैंसे व इंसान का…
एक समय जब श्री रामचंद्र जी का दर्शन करने के लिए अपने साठ हजार शिष्यों सहित दुर्वासा ऋषि अयोध्या को जा रहे थे, तब मार्ग में जाते हुए दुर्वासा ने सोचा कि, मनुष्य का रूप धारण कर यह तो विष्णु…
यह कथा बहुत पुरानी है। एक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखु कि धरती पर मेरी पूजा कौन करता है, कौन मुझे मानता है। यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आई और…
नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. नवरात्रि में 9 दिनो तक माँ शक्ति की 9 रूपों में पूजा की जाती है. जिसके बारे में आमतौर पर सभी को पता होता है. लेकिन काफी लोगों के मन…
नवरात्रि पर्व हिन्दू धर्म में बेहद महत्व रखता है. इस पर्व को लेकर लोग काफी उत्साहित (Excited) रहते हैं और मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना में नतमस्तक हो जाते हैं. नवरात्रि पर्व मनाये जाने की पौराणिक कथा पहली…
उपासना का पर्व है। गजब का है ये शक्तिपीठ, यहां दर्शन से एक, दो नहीं सात जन्मों के पापों से मिल जाती है मुक्ति शारदीय नवरात्र पर्व की पौराणिक कथा शास्त्रों में नवरात्र पर्व मनाए जानेशारदीय नवरात्र मां नवदुर्गा जी…
महाराज मुचुकुन्द राजा मान्धाता के पुत्र थे। ये पृथ्वी के एक छत्र सम्राट थे। बल और पराक्रम इतना कि देवराज इन्द्र भी इनकी सहायता के इच्छुक रहते थे। एक बार असुरों ने देवताओं को परास्त कर दिया। दुखी होकर देवताओं…
अब एक भूत-समन्वित भविष्य की कथा सुनिए। जब युधिष्ठुर अपनी माता और भाइयों को साथ लिए वनवास कर रहे थे, तब उन्हें देखने के लिए श्री कृष्ण जी वन में गये। वहाँ पाण्डवों ने बड़े प्रेम से श्री कृष्ण जी…
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान साधना और उपासना करने के सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। ऐसी मान्यता है की सामान्य दिनों में किसी भी साधना में सिद्धि हासिल करने के लिए कम से कम 40 दिनों की आवश्यकता होती है।…
तुलसीदास जी अपने इष्टदेव का दर्शन करने श्रीजगन्नाथपुरी गये। मंदिर में भक्तों की भीड़ देख कर प्रसन्न मन से अंदर प्रविष्ट हुए। जगन्नाथ जी का दर्शन करते ही निराश हो गये। विचार किया कि यह हस्तपादविहीन देव हमारा इष्ट नहीं…
पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण ने 8 स्त्रियों से विवाह किया था जो उनकी पटरानियां बानी थी। ये थी – रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रविंदा, सत्या(नाग्नजिती), भद्रा और लक्ष्मणा। आइए जानते है श्रीकृष्ण द्वारा इन आठ के साथ किए गए…